– मो इलियास –
सिमडेगा : वित्तीय वर्ष 2013-14 में गैर आदिवासियों के लिये एक भी इंदिरा आवास आवंटित नहीं किये जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. लोगों ने इसके विरूद्ध कड़ी प्रक्रिया व्यक्त की है. जिले में पहली बार ऐसा हुआ है कि गैर आदिवासियों को आवंटन शून्य कर दिया गया है.
इससे गैर आदिवासियों में आक्रोश है. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जिले को कुल 1874 इंदिरा आवास का आवंटन प्राप्त हुआ है. जिसमें अनुसूचित जाति के लिये 67, अनुसूचित जनजाति के लिये 1767 एवं अल्पसंख्यक के लिये 40 आवंटित हैं. अन्य जाति के लिये आवंटन नहीं दिया गया है.
इस संबंध में मोहन साहू का कहना है कि गैर आदिवासियों को इंदिरा आवास से वंचित रखना दूर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को सभी जाति के लोगों को ध्यान में रख कर इंदिरा आवास आवंटित करना चाहिए. टीपी सिंह कहते हैं कि गैर आदिवासी भी गरीब हैं तथा उनके समक्ष भी घर की समस्या है. ऐसे में उन्हें इंदिरा आवास से वंचित रखना अच्छी बात नहीं है. इसके लिये सदान वर्ग को आगे आने की जरूरत है.
पूर्व विधायक निर्मल कुमार बेसरा कहते हैं कि किन कारणों से गैर आदिवासियों को आवंटन शून्य हुआ, यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों के रिपोर्ट के आधार पर ही आवंटन तैयार किया जाता है. इससे प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक त्रुटि है.
इस पर पुनर्विचार होना चाहिए. श्यामसुंदर मिश्र का कहना है कि सरकारी योजनाओं पर सभी का बराबर का अधिकार है. इसमें जातिवाद करना उचित नहीं है. दुखू नायक का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गैर आदिवासी भी बेघर हैं. उन्हें इंदिरा आवास से वंचित रखना न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि गैर आदिवासियों को सरकार उपेक्षित कर रही है.
कुंवर गोप ने कहा कि गैर आदिवासियों को अधिकार से वंचित किया जा रहा है. इसके लिये लोगों को एकजुट हो कर अपने अधिकार के लिये संघर्ष करना होगा. देव सागर ठाकुर व गोवर्धन नायक ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण ही गैर आदिवासियों को उपेक्षित किया जा रहा है. गैर आदिवासियों को अपने अधिकार के लिये आंदोलन करने की जरूरत है.