सिमडेगा : राउरकेला धर्मप्रांत के हमिरपुर स्थित पवित्र ह्रदय महागिरजा घर परिसर में बिशप अभिषेक की धर्म विधि सह समारोही मिस्सा अनुष्ठान हुआ. समारोह में मुख्य अनुष्ठाता के रूप में रांची महाधर्म प्रांत के आर्च बिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो उपस्थित थे.
बिशप अभिषेक गैबिरा पल्ली के छातासरगी निवासी फादर किशोर कुमार कुजूर का संपन्न कराया गया.
बिशप अभिषेक संपूर्ण धर्म विधि कार्डिनल तेलोस्फोर पी टोप्पो ने संपन्न कराया. बिशप अभिषेक से पूर्व संत पापा फ्रांसिस द्वारा प्रेषित नियुक्ति पत्र को पढ़ कर सुनाया गया. मिस्सा समारोह के दौरान कार्डिनल ने अपने प्रवचन में कहा कि ईश्वर हमेशा मनुष्य का भला चाहते हैं. उसी भलाई कार्य को जारी रखने के लिये बिशप की नियुक्ति की जाती है. बिशप की नियुक्ति कलीसिया के लिये चरवाहे के रूप में किया जाता है. उन्होंने कहा कि अपने विश्वासियों को सही मार्ग दर्शन करना एवं भला गड़ेरिये की जिम्मेवारी को बखूबी निभाना बिशप का कर्तव्य है.
आज के युग में बिशप का दायित्व काफी चुनौतीपूर्ण है. उक्त चुनौतियों को सामना करने के लिये हमेशा ख्रिस्त के साथ संबंध बनाये रखें. बिशप यीशु ख्रिस्त को प्रतिनिधि होता है. संत पापा के राजदूत बिशप सलवातोरे मेनाकियो ने अपने संदेश में कहा कि विश्वासी सुसमाचार को अपने जीवन का केंद्र बिंदु बनाये रखें.
अपने जीवन को ख्रिस्त के ज्योति के समान प्रकाशमान बनायें. मिस्सा समारोह से पूर्व सभी बिशपों को बिशप निवास से बलि बेदी तक प्रवेश गीत व नृत्य तक लाया गया. कार्यक्रम के दौरान बाइबल जुलूस व विसर्जन नृत्य भी प्रस्तुत किया गया.
जिन बिशपों ने लिया भाग : बिशप अभिषेक कार्यक्रम में देश के विभिन्न धर्म प्रांत के लगभग 21 बिशपों ने भाग लिया. इसमें मुख्य रूप से सिमडेगा धर्म प्रांत के बिशप विंसेंट बरवा, गुमला के बिशप पौल लकड़ा, खुंटी के बिशप विनय कंडूलना, जमशेदपुर के बिशप फेलिक्स टोप्पो, हजारीबाग के बिशप आनंद जोजो, कुनकुरी के बिशप इमानुवेल केरकेट्टा, दुमका के बिशप जुलयुस मरांडी, पुर्णिया के बिशप अंजलुस कुजूर, रायगंज के बिशप विक्टोर ठाकुर, बिशप चाल्र्स सोरेंग, राउरकेला के सेवानिवृत्त बिशप अलफोंस बिलुंग, कटक के आर्च बिशप जोन बरवा, संबलपुर के नव अभिषिक्त बिशप निरंजन स्वासी आदि शामिल हैं.
वहीं सिमडेगा धर्म प्रांत से फादर वीजी पीटर पौल सोरेंग, फादर शैलेस केरकेट्टा, फादर तोबियस केरकेट्टा, फादर अजीत केरकेट्टा, फादर अलेक्जेंडर टेटे, फादर दोमनिक बरला, फादर बेर्नाड डांग आदि शामिल हैं.