कांग्रेसियों ने मारपीट कर भगाया, रोड जाम

बालू घाटों का टेंडर डालने पहुंची मुंबई की कंपनी सिमडेगा : कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यहां के 21 बालू घाटों का टेंडर डालने आये मुंबई की कंपनी के लोगों को मारपीट कर भगा दिया. पूर्व विधायक नियेल तिर्की के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला खनन पदाधिकारी से मुलाकात कर डाक स्थगित करने की मांग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2013 2:35 AM

बालू घाटों का टेंडर डालने पहुंची मुंबई की कंपनी

सिमडेगा : कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यहां के 21 बालू घाटों का टेंडर डालने आये मुंबई की कंपनी के लोगों को मारपीट कर भगा दिया. पूर्व विधायक नियेल तिर्की के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला खनन पदाधिकारी से मुलाकात कर डाक स्थगित करने की मांग की.

इधर, बालू घाट की नीलामी रद्द करने की मांग को लेकर खुंटीटोली के लोगों ने असीम हेरेंज अलफोंस मुंडू के नेतृत्व में रोड जाम किया और उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा. मंगलवार को 21 बालू घाटों का टेंडर डाला जाना था. स्थानीय लोगों के अलावा मुंबई की दी मिल्स स्टोर कंपनी भी पूरी टीम के साथ टेंडर डालने पहुंची थी.

इसकी भनक लगते ही नियेल तिर्की के नेतृत्व में रामनारायण सिंह रोहिल्ला, प्रदीप केसरी, मनोज अग्रवाल, अजीत लकड़ा, नन्हू मियां, पतरस केरकेट्टा, अनूप केसरी समेत कई कांग्रेसी अन्य लोग समाहरणालय पहुंच गये.

दिन के करीब 11 बजे मुंबई की दी मिल्स स्टोर कंपनी के कई सदस्य समाहरणालय पहुंचे. उनके पहुंचते ही कांग्रेसियों ने उन्हें घेर लिया. उनके साथ मारपीट की और उन्हें समाहरणालय से बाहर खदेड़ दिया.

21 बालू घाटों का टेंडर रोकना पड़ा

– मुंबई की दी मिल्स स्टोर कंपनी के लोगों को घेरा

– बाहरी कंपनियों के खिलाफ लोगों ने किया रोड जाम

– खनन पदाधिकारी से मिल कर जताया विरोध

अब 11 को टेंडर

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए जिला खनन पदाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मंगलवार को होनेवाली नीलामी प्रक्रिया स्थगित करते हुए 11 नवंबर को पुन: टेंडर कराने का निर्देश दिया है.

पेसा कानून का हो रहा उल्लंघन

पूर्व विधायक नियेल तिर्की ने कहा कि बालू घाट नीलामी मामले में पेसा कानून का उल्लंघन हो रहा है. पेसा कानून के तहत ग्राम सभा के माध्यम से ही बालू घाट की नीलामी की जानी है. किं तु सरकार द्वारा खुले रूप से टेंडर कराने का निर्देश दिया गया है, जो गलत है. इसके खिलाफ हाइकोर्ट में चुनौती दी जायेगी.

बाहर की कंपनियों को टेंडर दे दिये जाने के बाद बालू की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हो हो जायेगी, जिसका खमियाजा यहां के लोगों को भुतना पड़ेगा.

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