सामाजिक एकता से ही विकास संभव

तीन दिवसीय अखिल भारतीय खड़िया यूथ सम्मेलन का समापन सिमडेगा : बिंधाइनटोली पल्ली परिसर में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय खड़िया यूथ सम्मेलन संपन्न हो गया. समापन समारोह में मुख्य अतिथि रांची के पूर्व एसपी अंजलुस इंदवार उपस्थित थे. समापन के अवसर पर संध्या में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2015 8:30 AM

तीन दिवसीय अखिल भारतीय खड़िया यूथ सम्मेलन का समापन

सिमडेगा : बिंधाइनटोली पल्ली परिसर में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय खड़िया यूथ सम्मेलन संपन्न हो गया. समापन समारोह में मुख्य अतिथि रांची के पूर्व एसपी अंजलुस इंदवार उपस्थित थे.

समापन के अवसर पर संध्या में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न मंडलियों ने आकर्षक नृत्य व गीत प्रस्तुत किये. इस दौरान क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि अंजलुस इंदवार ने कहा कि सामाजिक एकता से ही समाज का विकास संभव है. समाज के लोग एकजुटता का परिचय दें तथा अपने अधिकार के लिये आगे आयें.

कहा कि जागरूकता की कमी के कारण हमारा समाज पिछड़ता जा रहा है. पिछड़ेपन को दूर करने के लिये शिक्षित होना जरूरी है. श्री इंदवार ने कहा कि नशा समाज का नाशक है. नशापान से दूर रहने का हरसंभव प्रयास करें. खड़िया समाज को संगठित रखने के लिये अपने समाज में शादी-विवाह करें. सिमडेगा कॉलेज के प्रो रौशन टेटे ने संगठन पर जोर देते हुए कहा कि संगठन से ही समाज मजबूत होता है. हम संगठित रहेंगे तो हमारे अधिकार को कोई छीन नहीं सकता है.

कहा कि संगठन को और भी मजबूत बनाने की आवश्यकता है. सेंट मेरिज हाई स्कूल के फादर आइजक व फादर लिनुस ने शिक्षा पर बले देते हुए कहा कि शिक्षित समाज ही विकास की डगर पर आगे बढ़ता है. बच्चों को हर हाल में शिक्षित करें, तभी परिवार एवं समाज का विकास होगा. कहा कि बच्चों को शिक्षित करने के लिये जो भी करना पड़े, करें. रांची से आये कुलभूषण डुंगडुंग ने कहा कि भाषा व संस्कृति ही हमारी पहचान है.

भाषा एवं संस्कृति को हर हाल में बचाये रखने की जरूरत है. धन्यवाद ज्ञापन जेम्स डुंगडुंग ने किया. कार्यक्रम मेंफादर अंतोनी डुंगडुंग, प्रो मेरी सोरेंग, रफायल कुल्लू, सिलास टेटे, राजेश डुंगडुंग, क्लमेंट टेटे, प्रो अनिल वीरेंद्र कुल्लू, निकोलस कुल्लू, मतियस कुल्लू, अजीत कुल्लू, बिशप याकूब सोरेंग, बेंजामीन लकड़ा के अलावा काफी संख्या में खड़िया समाज के लोग उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version