शिक्षिका एक, विद्यार्थी 162

नवल प्रसाद केरसई(सिमडेगा) : जहां एक ओर शिक्षा के नाम पर कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, शत प्रतिशत लोगों को साक्षर बनाने का दंभ भरा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कई विद्यालय ऐसे भी हैं जो प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहे है. जहां शिक्षकों की कमी के साथ अन्य समस्याएं व्याप्त हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2013 3:44 AM

नवल प्रसाद

केरसई(सिमडेगा) : जहां एक ओर शिक्षा के नाम पर कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, शत प्रतिशत लोगों को साक्षर बनाने का दंभ भरा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कई विद्यालय ऐसे भी हैं जो प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहे है.

जहां शिक्षकों की कमी के साथ अन्य समस्याएं व्याप्त हैं. बच्चे किस प्रकार पढ़ाई कर रहे हैं तथा विद्यालय में किन सुविधाओं का अभाव है, इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं. समस्याओं से जूझ रहे विद्यालयों में से एक है केरसई के कुरकिनजोर स्थित आरसी प्राथमिक विद्यालय. जहां न तो ढंग का स्कूल भवन है और न ही अन्य सुविधाएं हैं. मात्र एक शिक्षिका के सहारे चल रहा है उक्त विद्यालय. यहां पर प्रधानाध्यापिका की रूप में रोजलिन कुल्लू पदस्थापित हैं.

एक शिक्षिका पुनिता बरवा को ग्रामीणों ने रखा है. जिसे मानदेय के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता. साल में एक बार ग्रामीण उसे धान के रूप में मानदेय देते हैं. पुनिता बरवा सेवा भावना से अपनी सेवा दे रही हैं.

स्कूल भवन की स्थिति काफी जर्जर है. स्कूल भवन में मात्र दो कमरे हैं. जिसमें 162 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. एक कमरे में वर्ग एक व दो एवं दूसरे कमरे में वर्ग तीन व चार के बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं. सुविधा नहीं होने के कारण बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है.

गांव के दो किलोमीटर की दूरी पर आंगनबाड़ी केंद्र किनकेल बाजार टोली में है. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रोजलिन कुल्लू कहती हैं कि स्कूल भवन की स्थिति काफी जर्जर है. बरसात के दिनों में पानी टपकता है. इससे बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. भवन का छत काफी दयनीय स्थिति में पहुंच गया है.

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