– तरुण छोटू –
सिमडेगा : दिल में यदि कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो नि:शक्तता भी आड़े नहीं आती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है, विकलांग सेवा आश्रम में रहने वाले नि:शक्तों ने. वे अपनी मेहनत व लगन के बल पर मोमबत्ती उद्योग लगा कर आत्म निर्भर बनने का प्रयास कर रहे हैं.
कम संसाधन के बावजूद नि:शक्त मोमबत्ती निर्माण कर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं तथा अपनी जीविका चला रहे हैं. नि:शक्त सेवा आश्रम के अध्यक्ष पीटर केरकेट्टा व सचिव प्रफुल टेटे के सहयोग से आश्रम में रहने वाले अन्य नि:शक्तों ने काफी मशक्कत के बाद मोमबत्ती उद्योग लगाया.
उद्योग निरंतर आगे बढ़ रहा है. आश्रम के अध्यक्ष ने बताया कि इस उद्योग को लगाने में आश्रम में रह रहे नि:शक्तों ने काफी मेहनत की है. जिसका फल धीरे-धीरे अब दिखने लगा है. उन्होंने बताया कि उद्योग को लगाने में प्रशासन द्वारा कोई सहयोग नहीं मिला. तीन माह में लगभग 54 हजार मोमबत्ती का निर्माण किया जा चुका है.
निर्माण किये गये मोमबत्ती को स्थानीय बाजार के अलावा रांची, बोकारो व अन्य स्थानों पर बेचा जायेगा. कई रंगों व कई साइज में मोमबत्ती का निर्माण किया जा रहा है. जिसे एक रुपये से लेकर दस रुपये तक बेचा जाता है.
सहयोग से उद्योग और भी आगे बढ़ेगा : आश्रम के अध्यक्ष पीटर केरकेट्टा ने कहा कि हमारे पास पूंजी की काफी कमी है. हम किसी प्रकार उद्योग को आगे बढ़ा रहे हैं. इससे पूर्व चौक निर्माण कार्य शुरू की गयी थी. किंतु प्रशासन द्वारा आर्थिक रूप से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग द्वारा भी कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. यदि सहयोग मिले तो हम उद्योग को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ा सकते हैं.