दो दिन की लगातार बंद से
सिमडेगा : दो दिन की लगातार बंद से जिले में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. कफ्यरू जैसा नजारा देखा गया. सोमवार को उग्रवादी संगठन जनहित क्रांति पार्टी द्वारा बंद का आह्वान किया गया था.
वहीं मंगलवार को उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ ने बंद बुलाया था. दो दिन की लगातार बंद के कारण लगभग एक करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ. मजदूरों को काम नहीं मिला. रिक्शा चालक व दिहाड़ी मजदूर शहर तक आये, किंतु काम नहीं मिलने के कारण वह बैरंग घर लौट गये. बंद के दूसरे दिन मंगलवार होने के कारण सभी दुकानें स्वत: बंद रहीं.
यात्री वाहन एवं भारी वाहनों का परिचालन ठप रहा. छोटे वाहन भी इक्का दुक्का ही दिखे. बस स्टैंड में सन्नाटा पसरा रहा. यात्री वाहन नहीं चलने से सड़कें वीरान रहीं. लोग घरों में ही दुबके रहे. सरकारी दफ्तर खुले रहे, किंतु लोगों की उपस्थिति काफी कम रही. कार्यालयों में भी सन्नाटा पसरा रहा. स्कूल कॉलेज खुले रहे, किंतु दूर दराज से आने वाली विद्यार्थी अनुपस्थित रहे. बंद के कारण कचहरी परिसर में भी कम भीड़-भाड़ देखी गयी.
बंद का असर साप्ताहिक हाट बाजारों पर भी पड़ा. डेली मार्केट भी प्रभावित हुआ.दूर दराज के सब्जी विक्रेता नहीं पहुंचे. परिणाम स्वरूप सब्जी के दामों में तेजी देखी गयी. यात्री वाहन नहीं चलने के कारण यात्रियों को इधर उधर भटकते हुए देखा गया. बानो रेलवे स्टेशन में ट्रेनों का परिचालन सुचारू रहा.
सभी ट्रेनें समय आयी तथा गयी. इधर जिले के विभिन्न प्रखंडों कोलेबिरा, बानो, जलडेगा, बांसजोर, बोलबा, ठेठइटांगर, कुरडेग, केरसई, पाकरटांड़ प्रखंड में भी बंद का असर देखा गया. ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुकानें बंद रही तथा वाहन नहीं चले. समाचार लिखे जाने तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं थी.