खेलने-कूदने की उम्र में परिवार चलाने की चिंता

बानो (सिमडेगा) : खेलने-कूदने की उम्र में उमेश राम पारिवारिक दायित्व का निर्वाह करने को मजबूर है. अपने साथ चार लोगों का भरण पोषण कर रहा है. प्रखंड के हरिजन बस्ती में रहने वाले उमेश राम की उम्र अभी 12 वर्ष है. वह कन्या मध्य विद्यालय बानो में पांचवी कक्षा में पढ़ता है. स्कूल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2016 8:00 AM
बानो (सिमडेगा) : खेलने-कूदने की उम्र में उमेश राम पारिवारिक दायित्व का निर्वाह करने को मजबूर है. अपने साथ चार लोगों का भरण पोषण कर रहा है. प्रखंड के हरिजन बस्ती में रहने वाले उमेश राम की उम्र अभी 12 वर्ष है. वह कन्या मध्य विद्यालय बानो में पांचवी कक्षा में पढ़ता है. स्कूल से लौटने के बाद वह बानो चौक के समीप एक पेड़ के नीचे दुकान चलाता है़
गरमी हो या बरसात रोजाना पेड़ के नीचे दुकान चलाता है़ उमेश के पिता मनुवा राम का सात माह पूर्व निधन हो गया है, तभी से वह वह अपने साथी बबुल राम के साथ पेड़ के नीचे बैठ कर जूता पॉलिश की दुकान चलाता है़ उमेश के पिता भी जूता पॉलिश का कार्य करते थे.
उमेश के अनुसार, पिता के नहीं रहने के बाद घर चलाने की समस्या उत्पन्न हो गयी थी़ इसके बाद पिता के काम को आगे बढ़ाया़ उसकी शिकायत है कि कड़ी मेहनत करने के बाद भी थोड़ी बहुत आय होती है़ उसकी मां दूसरों घर में काम करती है, लेकिन इससे इतनी आय नहीं हो पाती, जिससे परिवार का खर्च चल सके़ मजबूरन जूता पॉलिश का काम करते हैं.
उसने बताया कि उसके परिवार में तीन भाई व एक बहन है. बड़ा भाई गुमला में पढ़ता है. वहीं एक भाई व बहन कन्या विद्यालय में पढ़ते हैं. जन वितरण प्रणाली की दुकान से राशन मिलता है, जिससे परिवार का कुछ सहयोग हो जाता है. उमेश व बबलू ने पूछे जाने पर बताया कि और बच्चों की तरह उन्हें भी खेलने का मन करता है़, लेकिन परिवार चलाने की चिंता सताने लगती है़

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