क्लिनिक के नहीं सुधरे हालात
एक जर्जर डेंटल चेयर के सहारे चल रहा है दंत बाह्य विभाग सिमडेगा : सदर अस्पताल परिसर स्थित दंत वाह्य विभाग मात्र दिखावे का रह गया है. दंत वाह्य विभाग मात्र एक जर्जर डेंटल चेयर के सहारे चल रहा है. डेंटल क्लिनिक में कोई सुविधा नहीं हैं. परिणाम स्वरूप रोगियों को इलाज का कोई लाभ […]
एक जर्जर डेंटल चेयर के सहारे चल रहा है दंत बाह्य विभाग
सिमडेगा : सदर अस्पताल परिसर स्थित दंत वाह्य विभाग मात्र दिखावे का रह गया है. दंत वाह्य विभाग मात्र एक जर्जर डेंटल चेयर के सहारे चल रहा है. डेंटल क्लिनिक में कोई सुविधा नहीं हैं.
परिणाम स्वरूप रोगियों को इलाज का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. चिकित्सक तो क्लिनिक में रहते हैं, किंतु सुविधा नहीं होने के कारण चाह कर भी वह सही इलाज नहीं कर पाते हैं. सिर्फ दर्द की दवा लिख कर ही काम चलाना पड़ता है. इस सरकारी डेंटल क्लिनिक में डेंटल चेयर के अलावा कंट्रोल बॉक्स, कंप्रेशर, स्केलर, लाइट क्योर फिलिंग मशीन सामग्री, हिट क्योर, कोल्ड क्योर पाउडर व लिक्विड व लेथ मशीन आदि की जरूरत है.
किंतु नये सदर अस्पताल भवन बने लगभग पांच साल हो गये, किंतु डेंटल क्लिनिक में सुविधाएं प्रदान नहीं की गयी. इसके हालात नहीं सुधरे. डेंटल क्लिनिक के प्रभारी डॉ कार्तिक भगत बताते हैं कि वर्ष 2012 से वह यहां प्रतिनियुक्त हैं. इस दौरान जितने भी सिविल सर्जन आये, उनका ध्यान आकृष्ट कराया गया, किंतु किसी ने ध्यान नहीं दिया. उपायुक्त के निरीक्षण के क्रम में डेंटल क्लिनिक की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया गया था. उन्होंने तत्कालीन सीएस को आवश्यक निर्देश भी दिये थे, किंतु नतीजा सिफर निकला.
स्वास्थ्य मंत्री से की थी मांग: स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने भी सदर अस्पताल का कई बार निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में भी लोगों ने दंत वाह्य विभाग की दयनीय स्थिति ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया, किंतु उन्होंने ने भी सिर्फ आश्वासन से ही काम चलाया.