ईश्वर के सामने कोई भी अयोग्य नहीं

पुरोहिताभिषेक समारोह का आयोजन, विशप ने कहाप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज?Spies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो तो देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2014 5:37 AM

पुरोहिताभिषेक समारोह का आयोजन, विशप ने कहा

सिमडेगा : सिमडेगा धर्मप्रांत के रेंगारीह पल्ली परिसर में दो उपयाजकों का पुरोहित अभिषेक कराया गया. इसमें गिंडरा निवासी रंजीत डुंगडुंग व कोनपाला निवासी मनोहर किंडो शामिल हैं. रंजीत डुंगडुंग का कार्य क्षेत्र सिमडेगा धर्म प्रांत एवं मनोहर किंडो का कार्य क्षेत्र जमशेदपुर प्रोविंस होगा. इस अवसर पर समारोही मिस्सा बलिदान का आयोजन किया गया.

इसमें मुख्य अनुष्ठाता के रूप में बिशप विंसेंट बरवा उपस्थित थे. पुरोहित अभिषेक की संपूर्ण धर्म विधि बिशप बरवा ने संपन्न करायी. पुरोहिताभिषेक के दौरान बिशप बरवा ने पुरोहिताई जीवन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दोनों उपयाजकों को जीवन भर पुरोहिताई कार्य करने का संकल्प दिलाया.

धर्म विधि के अनुसार हस्तरोपन , सभी संतों स्तुति विनती, पवित्र तेल का विलेपन किया तथा मिस्सा बलिदान का पात्र सौंपा. मिस्सा बलिदान के दौरान अपने प्रवचन में बिशप बरवा ने कहा कि पुरोहित कलीसिया को ईश्वर से जोड़ने का काम करते हैं. ईश्वर अपने प्रजा की देखभाल करने के लिए ही पुरोहितों को चुनता है. बपतिसमा संस्कार द्वारा जो कलीसिया में सामुदायिक जीवन जी रहे हैं, वह सभी ईश्वर की प्रजा हैं. उन्होंने कहा कि ईश्वर के सामने कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं है.

बिशप बरवा ने कहा कि पुरोहित अभिषेक एक अनोखा क्षण होता है. ऐसा क्षण जीवन में बार बार नहीं आता है. उन्होंने कहा कि नि:स्वार्थ सेवा भाव के द्वारा दूसरों की भलाई करें. मनुष्य के जीवन की महानता प्रेम व नि:स्वार्थ सेवा भाव पर निहित है.

मिस्सा समारोह में बिशप बरवा का सहयोग जमशेदपुर के प्रोविंशियल फादर माइकल राज, फादर अलोइस बेक, फादर पात्रिक बाड़ा, फादर सिलवेस्तर, फादर निरंजन मिंज, फादर इग्‍नेस्‍स टेटे, फादर इलियाजर खाखा, फादर यूनिज टोप्पो, फादर इमिल डुंगडुंग, फादर अलेक्जेंडर कुल्लू,फादर जोर्ज खेस, फादर तोबियस केरकेट्टा,फादर मरियानुस गुलाब लुगून, फादर पौलुस कुजूर, फादर विपिन, फादर तोबियस सोरेंग, फादर नेस्तोर , फादर बासिल, फादर सुमिलन , फादर दोमनिक बरला, फादर बोनिफस डुंगडुंग सहित 38 पुरोहितों ने किया. धर्म विधि का संचालन फादर अंथ्रेस सोरेंग ने किया.मिस्सा गीत का संचालन फादर अलफोंस व फादर केनेडी की अगुवाई में छात्र-छात्राओं ने किया.

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