आधुनिक युग में कृषि सांख्यिकी का बड़ा महत्व

सिमडेगा : समाहरणालय परिसर में कृषि सांख्यिकी एवं फसल कटनी प्रयोग पर बुधवार को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण शिविर में राजस्व कर्मचारी, जन सेवक सहित अन्य कर्मियों ने भाग लिया. इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) अनिमानंद टोपनो एवं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुकलु उरांव उपस्थित थे. कार्यक्रम का उदघाटन डीएओ श्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2016 12:04 AM
सिमडेगा : समाहरणालय परिसर में कृषि सांख्यिकी एवं फसल कटनी प्रयोग पर बुधवार को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण शिविर में राजस्व कर्मचारी, जन सेवक सहित अन्य कर्मियों ने भाग लिया. इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) अनिमानंद टोपनो एवं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुकलु उरांव उपस्थित थे. कार्यक्रम का उदघाटन डीएओ श्री टोपनो ने किया.
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कर्मचारियों को विशेष रूप से फसल कटनी प्रयोग से संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक दी गयी. जिला कृषि पदाधिकारी अनिमानंद टोपनो ने कहा कि आधुनिक युग में कृषि सांख्यिकी का बड़ा महत्व है. राज्य में आर्थिक व्यवस्था को सशक्त बनाने एवं कृत्रिम तरीके से कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है. इसके लिए खाद, उर्वरक, उत्तम बीज एवं आधुनिक उपकरणों का प्रयोग जरूरी है. कहा : कृषि सांख्यिकी द्वारा वैज्ञानिक सांख्यिकी पद्दति से प्रति वर्ष कृषि उत्पादन का अनुमान निकाला जाता है. सरकार यह जानना चाहती है कि हमारे खेतों से कितना अनाज, कितनी नगदी फसलें, कितने फल एवं कितनी साग सब्जियां उपलब्ध होती हैं. उन्होंने कहा कि कृषि वर्ष एक जुलाई से आरंभ होता है.
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुकलु उरांव ने क्षेत्र का आकलन, फसल क्षेत्र सर्वेक्षण,केंद्रीय प्रभाग योजना व प्रधानमंत्री फसल बीमा आदि की जानकारी विस्तार पूर्वक दी.

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