Jharkhand news: सिमडेगा शहरी क्षेत्र के घोचो टोली स्थित जनता हॉस्पिटल में जच्चे-बच्चे की इलाज के दौरान हुई मौत के मामले में प्रशासन ने शुक्रवार को हॉस्पिटल सील कर दिया. इलाज के दौरान जच्चे-बच्चे की इलाज के दौरान मौत मामले ने जब तूल पकड़ा तो प्रशासन ने जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया था. इसी के आधार पर शुक्रवार को जनता हॉस्पिटल को सील किया गया.
गत 15 नवंबर, 2021 को अमृता देवी को सिमडेगा के जनता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. अमृता देवी गर्भवती थी. उसके पेट में बच्चा मर चुका था. जिसे बड़ा ऑपरेशन करके डॉ अनिस बाखला ने मृत बच्चे को निकाला. ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ गयी. जनता हॉस्पिटल में ही उसका इलाज चल रहा था. लेकिन, रविवार को महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
महिला की मौत के बाद परिजनों ने शव की मांग की, लेकिन हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने इलाज में आये कुल खर्च के रूप में 54 हजार रुपये की मांग की. रुपये नहीं देने पर शव को देने से हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने इंकार कर दिया था. पूर्व में मृतका के परिजनों द्वारा 23 हजार रुपये जमा कराया गया था. मृतका के पति दीपक तुरी ने डॉक्टर की लापरवाही के कारण जच्चे-बच्चे की मौत का आरोप लगाया था.
इसके बाद दीपक अपनी मृत पत्नी के शव को मांग रहा था, लेकिन हॉस्पिटल मैनेजमेंट बिना पूरी राशि दिये शव को देने से साफ इंकार कर दिया था. इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ था. हालांकि, इस मामले की जानकारी प्रशासन को मिलने पर उन्होंने हस्तक्षेप करते हुए परिजनों को शव उपलब्ध कराया.
इस मामले की जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया था. सिविल मेडिकल टीम में मजिस्ट्रेट राजेंद्र सिंह, डॉ राजेश प्रसाद, डॉ गोपीनाथ महली एवं डॉ जमुना को शामिल किया गया था. टीम के द्वारा जांच रिपोर्ट में हॉस्पिटल प्रबंधन को मौत के लिए दोषी करार देते हुए साथ ही अन्य कमियों को देखते हुए हॉस्पिटल को सील कर दिया गया. शुक्रवार को जिला प्रशासन के द्वारा सील कर दिया गया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ पीके सिन्हा, कार्यपालक दंडाधिकारी मो शहजाद परवेज व अन्य कर्मी उपस्थित थे.
रिपोर्ट: रविकांत साहू, सिमडेगा