भ्रष्टाचार का नमूना बना नगर परिषद का अटल पार्क
लगभग ढाई करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च होने के बाद भी अटल पार्क में लोगों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी. शहरी क्षेत्र में नगर परिषद द्वारा बनाये गये अटल पार्क जो पहले एनएससी पार्क हुआ करता था, पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.
सिमडेगा. लगभग ढाई करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च होने के बाद भी अटल पार्क में लोगों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी. शहरी क्षेत्र में नगर परिषद द्वारा बनाये गये अटल पार्क जो पहले एनएससी पार्क हुआ करता था, पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. अटल पार्क भ्रष्टाचार का नमूना बन गया है. नगर परिषद से पहले विशेष प्रमंडल ने पार्क स्थल की घेराबंदी की थी. इसके बाद कई बार नगर परिषद द्वारा टेंडर निकालकर पार्क का जीर्णोद्धार किया गया. पूर्व में लगाए गए टॉय ट्रेन को अज्ञात लोगों ने चोरी कर ली थी. इसके बाद पुन: पार्क के जीर्णोद्धार के लिए टेंडर निकाला गया. टेंडर के माध्यम से पार्क में रोशनी की व्यवस्था की गयी. रेलवे ट्रैक बनाकर टॉय ट्रेन का भी अधिष्ठापन किया गया. लेकिन कुछ दिनों तक टॉय ट्रेन चलने के बाद पुन: टॉय ट्रेन कबाड़ में तब्दील हो गयी. इधर पूरे पार्क में सूखी घास और जंगल झाड़ी लोगों का स्वागत करती है. अटल पार्क में हाल ही में लगभग 45 लाख रुपए खर्च करके पेपर ब्लॉक बिछाया गया था. पुराने पेबर ब्लॉक को ही उखाड़कर उसे बालू भर कर बैठा दिया गया. किंतु कुछ ही महीना के बाद पेपर ब्लॉक उखड़ कर पूरी तरह से बिखर गया. लोगों को अब पैदल चलने में भी परेशानी हो रही है. पार्क में कई जगह पर नाना नानी और फुलवारी का बोर्ड लगाया गया है. किंतु फुलवारी और नाना नानी बोर्ड के निकट सूखी हुई घास और जंगल झाड़ियां ही लोगो को नजर आ रही है. लगभग ढाई करोड़ अब तक खर्च होने के बाद भी लोग कुछ समय यहां पर बिता सके ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. शहरी क्षेत्र के लोग इससे काफी दुखी है. नगर परिषद के गठन के 17 साल बाद भी पार्क की यह दूर्दशा भ्रष्टाचार को दर्शाता है. शहर में ऐसा कोई स्थल नहीं है जहां पर बच्चे बड़े और बूढ़े जाकर कुछ समय व्यतीत कर सके. बहरहाल लोगो का मानना है कि नयी सरकार में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये अटल पार्क का ईमानदारी से जीर्णोद्धार होगा. बच्चे, बड़े, बूढ़े वहां पर जाकर कुछ समय व्यतीत कर सकेंगे.
चिल्ड्रेन पार्क बना शोभा की वस्तु
शहरी क्षेत्र के मार्केट कांप्लेक्स स्थित चिल्ड्रन पार्क शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. चिल्ड्रेन पार्क में फूल पत्ती लगाये गये है, जो अब झोपड़ीनुमा नजर आता है. चिल्ड्रेन पार्क के मुख्य गेट में ताला लटका रहता है. चिल्ड्रेन पार्क में लाइट, फव्वारा लगाया गया था. किंतु देखरेख के अभाव में वह सब खत्म हो गया. इसके बाद नगर परिषद ने कभी पार्क को चालू करने को लेकर दिलचस्पी नहीं ली. नगर परिषद ने चिल्ड्रेन पार्क में तालाबंदी करके उसे शोभा की वस्तु बनाकर छोड़ दिया गया है. चिल्ड्रेन पार्क में भी नगर परिषद द्वारा लाखों रुपये खर्च किये गये है, जिसकी उपयोगिता शून्य के समान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है