सिमडेगा में लाभुकों को राशन उठाव के लिये जाना पड़ता है पांच किलोमीटर दूर
राशन लेने के लिए टेंपो का भाड़ा भी देना पड़ता है. बैरटोली निवासी सुलेमान कुल्लू ने कहा कि पांच किलोमीटर दूरी तय कर पिछले साल से राशन लेने के जाना पड़ रहा है. हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है
सिमडेगा : प्रखंड के मेरोमडेगा से राशन लेने के लिए लाभुकों को लगभग पांच किलोमीटर दूर पंडरीपानी जाना पड़ता है. जिससे लाभुकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ठेठईटांगर प्रखंड के मेरोमडेगा पंचायत के दर्जनों गांव के लाभुकों को पिछले 18 महिनों से राशन लेने के लिए पंडरीपानी जाना पड़ रहा है. इसके बावजूद राशन की दुकान में लंबी लाइन भी लगानी पड़ती है. लाभुकों ने समस्या का समाधान करने की मांग आपूर्ति विभाग से की है. बताया गया कि मेरोमडेगा निवासी राजेंद्र मेहर के नाम से पीडीएस दुकान आवंटित है. लेकिन अप्रैल 2022 से कार्डधारियों को पंडरीपानी संतहरा एसएचजी ग्रुप के दुकान से राशन का उठाव करना पड़ रहा है. जिसके कारण लाभुक मेरोमडेगा फिंगर लगा कर पंडरीपानी राशन लेने के लिये जाते हैं. मेरोमडेगा बस्ती निवासी सनमाइत देवी ने कहा कि राशन पहले मेरोमडेगा में ही मिलता था. लेकिन पिछले डेढ़ साल से पंडरीपानी पैदल चल कर राशन लेने के लिए जाना पड़ता है. जिस कारण दिन भर समय बर्बाद होता है. सुखमनी देवी ने कहा कि राशन भी समय पर नहीं मिलता है. एक से दो किलोग्राम काट कर दिया जाता है.
राशन लेने के लिए टेंपो का भाड़ा भी देना पड़ता है. बैरटोली निवासी सुलेमान कुल्लू ने कहा कि पांच किलोमीटर दूरी तय कर पिछले साल से राशन लेने के जाना पड़ रहा है. हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है. एलिजाबेथ बिलूंग ने कहा कि सरकार गरीबों को गांव में ही अनाज देने की बाते कहती है. लेकिन आज गांव में राशन नहीं मिल रहा है. लाभुकों को कई दिनों तक राशन के लिए चक्कर लगाना पड़ता है. संतहरा एसएचजी ग्रुप दुकानदार ने बताया कि गोदाम के संचालक द्वारा पीडीएस दुकान में अनाज पहुंचाया जाता है. एक बोरा में 51 से 52 किलोग्राम कह कर दिया जाता है. लेकिन तौलने पर एक बोरा में 45 किलोग्राम से 47 किलोग्राम तक ही चावल उपलब्ध होता है. जिसके कारण कुछ लोगों को एक से दो किलोग्राम चावल कम दिया जाता है.