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केज कल्चर योजना की हुई शुरुआत, सिमडेगा के ग्रामीणों को मिलेगा लाभ

जलाशय में मछली पालन हेतु केज कल्चर की शुरुआत की गयी. इस मौके पर 80 हजार पंगास मछली का जीरा लाभुक समिति के बीच वितरीत करते हुए केज के सांचे में डाला गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2021 12:35 PM

कोलेबिरा प्रखंड के लरबा डैम के जलाशय में मछली पालन हेतु केज कल्चर की शुरुआत की गयी. इस मौके पर 80 हजार पंगास मछली का जीरा लाभुक समिति के बीच वितरीत करते हुए केज के सांचे में डाला गया. 9 लाख 96 हजार की लागत से केज कल्चर की योजना का धारातल पर क्रियान्वय सुनिश्चित कराया गया.

विधायक कोलेबिरा नमन विक्सल कोनगाड़ी एवं उपायुक्त सुशांत गौरव ने जायका फंड के तहत प्रदत्त राशि से डैम में अधिष्ठापित केज कल्चर के सांचे में पंगास मछली का जीरा डाला. उपायुक्त ने ग्रामीणों से कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजना के तहत जिला मत्स्य विभाग सिमडेगा के द्वारा मछली पालन को लरबा डैम में बढ़ावा दिया गया है. इससे न केवल यहां अधिक मात्रा में मछली उत्पादन हो पायेगा बल्कि प्रकृति के बीच बसा लरबा डैम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा.

लरबा डैम को विकसित करने की कार्रवाई शुरू की गयी है. विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने ग्रामीणों से कहा कि आर्थिक विकास की दिशा में मछली पालन हेतु लरबा डैम में केज कल्चर की शुरुआत की गयी. इससे स्थानीय जनता को सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने योजना का लाभ लेते हुए आर्थिक रूप से सशक्त बनने की बात कही. योजना का धरातल पर सही क्रियान्वयन तभी होगा जब आप केज कल्चर में सही एवं समय से मछली पालन करेंगे. आपका आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगी.

रोजगार का सृजन होगा. यह सरकार के लिये बड़ी उपलब्धि होगी. उपायुक्त ने कहा कि लरबा डैम में शुरू की गयी जायका मद के केज कल्चर की योजना से स्थानीय लाभुक समिति के 52 परिवारों को सीधे रूप से लाभ मिलेगा.उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा प्राप्त राशि से जिला प्रशासन के द्वारा जिले के तीन बड़े जलाशय रामरेखा, केलाघाघ एवं लरबा डैम में केज कल्चर की शुरुआत की गयी है. यहां से जिले के साथ-साथ रांची, राउरकेला, छत्तीसगढ़ से भी मार्केट लिकेंज कराते हुए प्रशासन के द्वारा सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है.

उपायुक्त ने लरबा डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में मेन रोड से डैम तक सड़क निर्माण, डैम परिसर में स्ट्रीट लाईट का निर्माण, चबूतरा का निर्माण एवं जलाशय के किनारे चबूतरा की आकृति का निर्माण कराने को कहा. साथ ही पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से संबंधित निर्माण कार्य का प्राक्कलन तैयार करते हुए प्रस्ताव समर्पित करने का अधिकारियों को निर्देशित किया. इस दौरान उपायुक्त ने ग्रामीणों से गांव की मूलभूत सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की.

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