Chhath Puja 2020 : सिमडेगा (रविकांत साहू) : कोरोना गाइडलाइंस के अनुपालन को लेकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार दोहरा रवैया अपना रही है. एक ओर झारखंड में हुए दुमका-बेरमो उपचुनाव में पूरा महकमा हजारों की भीड़ में नजर आया. वहां न तो सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन किया गया और ना ही लोगों ने मास्क पहना था. सिर्फ पर्व-त्योहार में ही कोरोना के नियमों के अनुपालन की अनिवार्यता से आम लोगों में नाराजगी है.
हेमंत सोरेन सरकार द्वारा छठ को लेकर जारी गाइडलाइंस के मुताबिक छठ महापर्व नदी एवं तालाबों में नहीं करना है. नदी एवं तालाब में छठ महापर्व करने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है, किंतु आम लोग यह जानना चाहते हैं कि उपचुनाव में भाग लेने में क्या कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा नहीं था. आज जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जिसमें दर्जनों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित होते हैं. जहां पर न तो सोशल डिस्टैंसिंग का पालन होता है और ना ही लोग मास्क पहनते हैं.
आम लोगों ने बताया कि सरकार पूरी तरह से भेदभाव की नीति अपना रही है. मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक चुनाव के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का पालन किए बगैर लोगों के बीच गए, वहीं दूसरी ओर छठ महापर्व को लेकर गाइडलाइंस जारी की गयी है. कोरोना के नियमों का पालन हम सभी को करना है.
आपको यहां बताते चलें कि कोरोना के नियमों का अनुपालन कराने के लिए शहरी क्षेत्र के छठ घाट की सफाई नगर परिषद द्वारा नहीं कराई गई है. पूर्व में छठ पर्व को लेकर नगर परिषद द्वारा छठ तालाब की सफाई कराई जाती थी. पूरे तालाब परिसर से घास को हटा दिया जाता था. इसी प्रकार शंख छठ घाट तथा रोड की भी मरम्मत प्रशासन के सहयोग से करायी जाती थी, किंतु इस बार नहीं कराया गया है. छठ को लेकर जारी गाइडलाइंस के कारण कई लोगों का रोजगार छीन गया. शंख छठ घाट पर सुबह व शाम में हजारों की संख्या में लोग छठ महापर्व के दौरान जाते थे. इस दौरान शंख नदी के आसपास के लोग शाम तथा सुबह में आसपास के ग्रामीण बादाम के अलावा चाय वगैरह की दुकान लगाते थे. इससे उन्हें बिक्री होती थी, लेकिन इस बार लोग निराश हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra