कानून में बच्चों को भी कई अधिकार प्राप्त हैं : सचिव
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विधिक जागरूकता शिविर लगा
सिमडेगा.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने बाल दिवस पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कोलेबिरा में विधिक जागरूकता शिविर लगाया. इसका उदघाटन प्राधिकार के सचिव मरियम हेमरोम, चीफ एलडीसीएस प्रभात कुमार श्रीवास्तव व असिस्टेंट एलडीसीएस सुकोमल ने किया. शिविर में न्यायिक पदाधिकारी व अधिवक्ताओं ने छात्राओं को कानूनी अधिकार के बारे जानकारी दी. प्राधिकार के सचिव मरियम हेमरोम ने कहा कि कानून में बच्चों को भी कई अधिकार प्राप्त हैं. कहा कि हर साल चाचा नेहरू की जयंती पर बाल दिवस मनाया जाता है. इस दिन बच्चों की सुरक्षा और उनके हित पर चर्चा होती है. प्रत्येक बच्चे को कानून के तहत समान व्यवहार व संरक्षण का अधिकार है. बच्चों को जीवन, स्वतंत्रता व सुरक्षा का अधिकार है. उन्होंने कहा कि बच्चों को तस्करी व बंधुआ मजदूरी से बचाने के लिए कानून में प्रावधान है. छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है. बच्चों को स्वास्थ्य देखभाल, पोषण व समग्र विकास के अवसरों तक पहुंच होनी चाहिए. कहा कि बच्चों को दुर्व्यवहार, हिंसा व शोषण से बचाया जाने के लिए भी कानून में प्रावधान है. प्रभात श्रीवास्तव ने कहा कि बाल-विवाह कानून के खिलाफ है. इसके लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम है. कहा कि भारत में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के बाद बेटों व बेटियों के समान संपत्ति अधिकारों को मान्यता दी गयी है. आरटीइ अधिनियम के तहत छह से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है. सुकोमल ने छात्राओं को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी दी. मौके पर स्कूल की शिक्षिकाएं व छात्राएं मौजूद थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है