सिमडेगा: सीएम हेमंत सोरेन ने सिमडेगा के कोलेबिरा में आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में कहा कि राज्य और राज्यवासियों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. सरकार की योजनाओं से जुड़कर लोग सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहे हैं. जब तक लोगों को सामाजिक सुरक्षा नहीं दी जाएगी, तब तक राज्य मजबूत नहीं बनेगा. बेहतर काम करने वाले सरकारी कर्मी पुरस्कृत किए जाएंगे. सरकारीकर्मियों का काम जनता की सेवा करना है क्योंकि इसी के लिए उन्हें तनख्वाह मिलती है. ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से निभाएं. जो अच्छा काम करेंगे उन्हें सरकार पुरस्कृत करेगी. इसके साथ उनकी जायज मांगों और समस्याओं पर सरकार हमेशा सकारात्मक निर्णय लेते आई है और आगे भी ऐसा ही करेगी. आदिवासियों- मूलवासियों, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को उनका हक-अधिकार दिया जाएगा. इस दौरान 155 करोड़ 78 लाख 19 हजार 440 रुपए की लागत वाली 1453 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया. इस दौरान 40321 लाभुकों के बीच 31 करोड़ 17 लाख 62 हजार 385 रुपए की परिसंपत्तियों का वितरण किया. इस अवसर पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी, भूषण बाड़ा और भूषण तिर्की, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे और उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
अपने अधिकार के लिए हमेशा संघर्ष करने को रहें तैयार
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड शुरू से ही वीरों की धरती रही है. भगवान बिरसा मुंडा, सिदो -कान्हू, नीलांबर- पीतांबर, तेलंगा खड़िया जैसे कई अमर वीर शहीदों ने अंग्रेजों और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी शहादत दी. झारखंड अलग राज्य के लिए 40 वर्षों तक चले आंदोलन में सैकड़ों लोगों ने अपनी कुर्बानी दे दी. आज भी यहां के आदिवासी मूलवासी संघर्ष कर रहे हैं. हमारी सरकार इन वीर शहीदों का झारखंड बनने के साथ यहां के आदिवासियों- मूलवासियों, आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान-सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रही है.
800 योजनाओं की रखी गई नींव, 653 योजनाओं का हुआ उद्घाटन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 20 करोड़ 99 लाख 65 हजार 111 रुपए की लागत से निर्मित 653 योजनाओं का उद्घाटन किया. 800 योजनाओं की आधारशिला रखी. इन योजनाओं पर कुल 134 करोड़ 78 लाख 54 हजार 339 रुपए खर्च होंगे. इस तरह 155 करोड़ 78 लाख 19 हज़ार 440 रुपए की 1453 योजनाओं का तोहफा सिमडेगावासियों को मिला. मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 40321 लाभुकों के बीच 31 करोड़ 17 लाख 62 हजार 385 रुपए की परिसंपत्ति प्रदान कर उनके सशक्तीकरण और स्वावलंबी बनने का राह प्रशस्त किया.
जनता की सेवा करने के लिए सरकारी कर्मियों को मिलती है तनख्वाह
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकारीकर्मियों का काम जनता की सेवा करना है क्योंकि इसी के लिए उन्हें तनख्वाह मिलती है. ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से निभाएं. जो अच्छा काम करेंगे उन्हें सरकार पुरस्कृत करेगी. इसके साथ उनकी जायज मांगों और समस्याओं पर सरकार हमेशा सकारात्मक निर्णय लेते आई है और आगे भी ऐसा ही करेगी.
आदिम जनजाति परिवारों के बच्चे भी अब बनेंगे अधिकारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर हम समय रहते नहीं चेते तो आदिम जनजाति विलुप्ति के कगार पर पहुंच जाएगी. हमारी सरकार आदिम जनजातियों को सशक्त करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में आदिम जनजाति के विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग कराई जा रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि ये बच्चे अपनी मेहनत से अपना मुकाम हासिल करेंगे और कलेक्टर तथा अन्य बड़े अधिकारी बनकर अपने परिवार और जनजाति का नाम रोशन करेंगे.
तीन कमरों का मिलेगा सुसज्जित आवास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गरीब और घरविहीन लोगों को तीन कमरों का सुसज्जित मकान दिया जाएगा. इसके लिए अबुआ आवास योजना शुरू की गई है. इसके तहत अगले 3 सालों में 8 लाख मकान बनाए जाएंगे. गांव और शहरों के बीच निरंतर कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू की गई है. सभी बुजुर्ग, दिव्यांग और विद्यार्थियों को इस योजना के तहत निःशुल्क बस परिवहन की सेवा मिलेगी.
राशन कार्डधारियों को अब दाल भी मिलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के 11 लाख लोगों का राशन कार्ड पहले छीन लिया गया था, लेकिन हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशनकार्ड जारी किया है और इन्हें बाजार भाव से अनाज खरीद कर दिया जा रहा है. अब हर राशन कार्डधारी को अनाज के साथ एक किलो दाल भी दिया जाएगा.
सीएम हेमंत सोरेन ने किया सीधा संवाद
आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार अभियान के तहत लग रहे शिविरों में मेले जैसा माहौल है. यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और सरकार की योजनाओं की जानकारी लेने के साथ उससे जुड़ भी रहे हैं. इन शिविरों में अधिकारियों का दल पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्याओं को ना सिर्फ सुन रहे हैं बल्कि उसका समाधान भी कर रहे हैं. मुझे यकीन है कि पिछले दो चरणों की तरह तीसरा चरण भी काफी सफल और प्रभावी रहेगा. इस मौके पर उन्होंने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहे लोगों के साथ सीधा संवाद भी किया.