मानव तस्करी को खत्म करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी
मानव तस्करी व एनडीपीएस एक्ट विषय पर हुई कार्यशाला
सिमडेगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तरफ से मानव तस्करी व एनडीपीएस एक्ट विषय पर रविवार को व्यवहार न्यायालय सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला हुई. इसमें बाल संरक्षण पदाधिकारी, पुलिस अधिकारी व पारा लीगल वोलेंटियर समेत अन्य लोग मौजूद थे. कार्यशाला का उदघाटन प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला जज राजीव कुमार सिन्हा, एडीजे नरंजन सिंह, सचिव मरियम हेमरोम, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष रमेश श्रीवास्तव आदि ने किया. कार्यशाला में मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता फैलाने और इससे निबटने के लिए प्रभावी उपायों पर चर्चा की गयी. मौके पर मानव तस्करी की रोकथाम व जागरूकता के लिए सभी से सहयोग की अपील की गयी. प्रधान जिला जज ने कहा कि मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है, जो न केवल मानवाधिकारों का हनन करता है, बल्कि समाज की जड़ों को भी कमजोर करता है. मौके पर जागरूकता अभियान चलाने और स्कूलों, कॉलेजों व ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष कार्यशालाएं आयोजित करने की बात कही गयी. कार्यशाला में मानव तस्करी की रोकथाम के लिए मानव तस्करी के शिकार लोगों को रेस्क्यू कर रोजगार से जोड़ने पर चर्चा हुई. पीडीजे ने कहा कि मानव तस्करी जैसे कलंक को समाज से दूर करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है. सिमडेगा जिले को मानव तस्करी के कलंक से मुक्त कराने के लिए सभी वर्ग के लोगों को अपने स्तर से प्रयास करने की जरूरत है. एडीजे नरंजन सिंह ने एनडीपीएस के मामले में जब्त सामान की सूची बनाने और उसके अन्य बिंदुओं के बारे जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अनुसंधान सही तरीके से होने पर ही अपराधियों को सजा दिलायी जा सकती है. चीफ एलएडीसीएस प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मानव तस्करी की रोकथाम के लिए गांव स्तर पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. इसमें पारा लीगल वोलेंटियर की भूमिका बड़ी है. डिप्टी एलएडीसी ब्रिखभान अग्रवाल ने डायन प्रथा उन्मूलन के बारे जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. अधिवक्ता अलका बागे ने भी मानव तस्करी के रोकथाम के लिए संगठित होकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया. इससे पूर्व आगंतुकों का स्वागत और कार्यक्रम का संचालन प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने किया. कार्यक्रम में न्यायिक दंडाधिकारी सुभाष बाड़ा, बार एसोसिएशन के सचिव प्रद्युम्न सिंह, पूर्व अध्यक्ष बसंत कुमार समेत कई अधिवक्ता, पुलिस अधिकारी व पीएलवी मौजूद थे.
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