संकटों से मुक्त करती है भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति

संकटों से मुक्त करती है भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2024 9:52 PM

सिमडेगा. जैन भवन सभागार में जैन धर्म के 23वें तीर्थकर श्री पार्श्वनाथ भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया. मौके पर भगवान पार्श्वनाथ जी के साथ धरणेंद्र पद्मावती व क्षेत्रपाल देव की अष्ट प्रकारी पूजा का आयोजन हुआ. उन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय और बहिद्धादान इन चार महाव्रतों की स्थापना की तथा लोगों को चातुर्याम धर्म की दीक्षा दी. वे चिंतामणि, पुरुषादानीय और संकटमोचक कहलाये. 24 तीर्थंकरों में से सर्वाधिक मूर्तियां, मंत्र भगवान पार्श्वनाथ के ही मिलते हैं. उनकी भक्ति व आराधना भक्तों को हर संकटों से मुक्त कर देती है. स्वामी जी ने बताया कि प्रभु को संकटमोचन कहा गया है. हम सबके जीवन में कष्ट अवश्य आते हैं, जो व्यक्ति उत्कृष्ट श्रद्धा के साथ प्रभु नाम का स्मरण करता है, वह कष्ट मुक्त हो जाता है. कष्टों से निजात पाने के दो ही उपाय है. एक अपनी शक्ति को बढ़ायें और कष्टों पर विजयी बनें. दूसरा नाम स्मरण करें. पौष वदी दशमी को प्रभु का जन्म कल्याणक व एकादशी को दीक्षा कल्याणक मनाया जाता है. डॉ पद्मराज स्वामी जी महाराज ने विभिन्न मंत्रों का उच्चारण करते हुए पूजा संपन्न करवायी. गुरुमां ने मधुर भजनों से भक्तिरस बहा दिया. मंगल पाठ व आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. गुरुभक्त परिवारों के सौजन्य से प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर गुलाब जैन, प्रवीण जैन, किशन जैन, प्रमोद जैन, पवन शर्मा, रेखा जैन, सारिका जैन, नीलम बंसल, किरण , सुनीता जैन, कुसुम शर्मा, खुशबू अग्रवाल आदि उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version