सिमडेगा में सामाजिक सहयोग से स्थापित जिला का पहला ऑनलाइन डिजिटल क्लास शुरू, ऐसे हुई इसकी शुरुआत
जिला मुख्यालय स्थित गोंडवाना विकास विद्यालय सह छात्रावास सलडेगा परिसर में ऑनलाइन डिजिटल क्लास का उद्घाटन किया गया. ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़े अथितियों की मौजूदगी में उदघाटन किया गया.
सिमडेगा : जिला मुख्यालय स्थित गोंडवाना विकास विद्यालय सह छात्रावास सलडेगा परिसर में ऑनलाइन डिजिटल क्लास का उद्घाटन किया गया. ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़े अथितियों की मौजूदगी में उदघाटन किया गया. सामाजिक सहयोग से स्थापित जिला का यह पहला डिजिटल क्लास है. कोरोना काल के दौरान बच्चों की पढ़ाई को लेकर बहुत समस्याओं का सामना पड़ा.
बच्चे ऑनलाइन क्लास मोबाइल से कर रहे. जिससे ज्यादा स्टूडेंट को एक साथ पढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. मोबाइल में लंबे समय तक क्लास करने से बच्चों में आंखों से संबंधित समस्याएं भी आने लगी थी. इस समस्या के समाधान के लिए कई समाजसेवी आगे आये. चेन्नई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके लौटे वर्तमान में जीटीडीसी के संस्थापक सह सुबोध कोचिंग सेंटर गांधी मैदान के संचालक संतोष प्रधान ने ऑनलाइन क्लास के लिए प्रोजेक्टर मुहैया कराये. अब एक साथ कई बच्चे इस प्रोजेक्टर के माध्यम से ऑनलाइन क्लास का फायदा ले पायेंगे.
उदघाटन के पश्चात कमलेश्वर मांझी ने ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़े बच्चों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के वर्तमान युग में सभी को स्मार्ट होने की आवश्यकता है. सभी विद्यार्थियों को जरूरत के हिसाब से टेक्नोलॉजी की जानकारी होनी चाहिए. तभी वैश्विक जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने गांव से जुड़े अभिभावकों से भी प्रोजेक्टर और इसके लिए जरूरी सामग्री खरीदने का अनुरोध किया.
ताकि अन्य गांव में भी ऑनलाइन क्लास का विस्तार हो सके. कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े कृषि पदाधिकारी संजय कच्छप जिन्होंने कोल्हान क्षेत्र में अपने पैसे से लगभग 24 से ज्यादा जगह डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की है, जिन्हें सम्मान से लाइब्रेरी मैन भी कहा जाता है. जिनके कार्य की तारीफ स्वयं फिल्म अभिनेता सोनू सूद भी कर चुके हैं. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिजिटल क्लास उद्घाटन की शुभकामनाएं दी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ गणेश मांझी ने देश- दुनिया के विभिन्न तथ्यों की जानकारी देते हुए अभिभावकों- विद्यार्थियों से इस पहल का लाभ लेने का अनुरोध किया. रांची से ऑनलाइन जुड़ी डिबडीह धुमकुड़िया से मनिता उरांव जो एक अच्छी आदिवासी कला की पेंटर और धुमकुड़िया के बच्चों को पढ़ाती हैं. उन्होंने ने भी बच्चों को शिक्षा के प्रति मोटिवेट किया. इस अवसर पर ऑनलाइन जुड़े बच्चों ने भी अपने तरफ से कई भाषण, गाना आदि सुना कर मनोरंजन किया. कार्यक्रम की समाप्ति कमलेश्वर मांझी ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया. मौके पर अशोक बेसरा, राजू मांझी, प्रफुल चंद्र बेसरा, देवनंदन प्रधान, अजय मांझी सहित विभिन्न गांव के बच्चे ऑनलाइन जुड़े हुए थे.