सिमडेगा के जलडेगा में 1957 से हो रही है दुर्गा पूजा, जानें कैसे हुई थी शुरूआत

दुर्गा पूजा के शुरुआती दौर में दुर्गा महोत्सव पर धार्मिक नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था, किंतु 1968 से स्थानीय लोगों द्वारा रामलीला मंचन की शुरुआत की गयी, जो आज भी जारी है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 12, 2023 1:32 PM

कार्तिक द्विवेदी,जलडेगा

जलडेगा में दुर्गा पूजा की शुरुआत 1957 में थाना के तत्कालीन एएसआइ गोरखनाथ सिंह की अगुवाई में तत्कालीन स्कूल इंस्पेक्टर गणेश भारद्वाज, परमानंद जैन, महेश साहू, पहान पुजार मनरखन सिंह, मकरू गंझू, लालू साहू आदि के सहयोग से किया गया था. शुरुआती दौर में पूजा के लिए कच्ची मिट्टी से बने छपरीनुमा पूजा मंडप में मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती थी, जहां काफी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु मां का दर्शन करने आते थे. इसके बाद 1968 में दुर्गा पूजा समिति नया पक्का पूजा मंडप का निर्माण किया गया. स्थायी भव्य दुर्गा मंदिर का निर्माण 2001 में किया गया.

वर्तमान दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष रामावतार अग्रवाल, सचिव महेश साव, कोषाध्यक्ष बसंत साहू तथा कार्यकारिणी सदस्य में विश्वनाथ साहू, सुभाष साहू,संतोष सिंह, महाप्रसाद सिंह, ढ़ोलो सिंह, दिनेश साहू, हेमशरण सिंह, संजय अग्रवाल, गोविंद अग्रवाल, कमल अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल, शंकर पति, रामेश्वर सिंह, अमित गोयल, देवनारायण नायक आदि हैं. पूजा में मोटिया व नवयुवक संघ के सदस्यों का सराहनीय योगदान रहता है. दुर्गा पूजा के शुरुआती दौर में दुर्गा महोत्सव पर धार्मिक नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था, किंतु 1968 से स्थानीय लोगों द्वारा रामलीला मंचन की शुरुआत की गयी, जो आज भी जारी है. 1957 में मां की प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार स्व अनिल सूत्रधार द्वारा किया जाता था.

वर्तमान में मां की प्रतिमा का निर्माण उनके बेटे बबलू सूत्रधार द्वारा किया जा रहा है. पूर्व में दुर्गा पूजा बोछो पति महाराज समेत अन्य सहयोगी पुरोहितों द्वारा किया संपन्न कराया जाता है. इधर, तीन चार वर्षों से पंडित अरण मिश्रा व सहयोगी पुरोहितों द्वारा की पूजा करायी जाती है. इस वर्ष दुर्गा पूजा 15 अक्तूबर को कलश स्थापना के साथ शुरू होगी. 20 से 22 अक्तूबर नवमी तक शाम सात बजे से रात 11 बजे तक रामलीला की प्रस्तुति की जायेगी. दसवीं को रावण दहन आयोजित किया जायेगा. जिसके साथ दुर्गा पूजा का समापन हो जायेगा. दुर्गा पूजा को लेकर प्रतिमा निर्माण अंतिम चरण पर है.

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