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सिमडेगा के ठेठईटांगर में 1966 से हो रही है मां जगत जननी की पूजा, ऐसे हुई थी इसकी शुरुआत

पूजा उत्सव के अवसर पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए सभी संप्रदायों के कलाकारों द्वारा नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति किया जाने लगा. कार्यक्रमों में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ने लगी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 19, 2023 12:46 PM
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संजय प्रसाद, ठेठईटांगर :

प्रखंड मुख्यालय में दुर्गा पूजा की शुरुआत वर्ष 1966 में हुई थी. दुर्गा पूजा की शुरुआत तत्कालीन बीडीओ एसएन गुप्ता, थाना प्रभारी पी बनर्जी उर्फ बंगाली बाबू के नेतृत्व में शुरू किया गा था. गंदौरी दास, फीरू बडाइक, कुंवर डुंगडुंग, टकधर साहू, जमील मियां, अब्दुल सत्तार, रमजान मियां, उपेंद्र नारायण सिंह, कृष्णा राम साहू के अलावा अन्य लोगों के सहयोग से पूजा उत्सव शुरू किया गया था. शुरुआती दौर में छोटे रूप में ठेठईटांगर चौक पर सड़क किनारे नीम पेड़ के नीचे तिरपाल से पंडाल बना कर प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती थी. कुछ वर्षों बाद सभी जाति धर्म के लोगों के सहयोग से पूजा उत्सव भव्य रूप ले लिया.

पूजा उत्सव के अवसर पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए सभी संप्रदायों के कलाकारों द्वारा नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति किया जाने लगा. कार्यक्रमों में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ने लगी. पूजा के अवसर पर बीरुगढ़ के राजा टिकैत धनुर्जय सिंहदेव के निर्देशन में स्थानीय कलाकारों के सहयोग से राजा सत्य हरिश्चंद्र नामक नाटक का मंचन किया गया था, जिसमें राजा स्वयं राजा हरिश्चंद्र की भूमिका निभाये थे, जिसे बुजुर्ग आज भी याद करते है. वर्ष 1975 में पूजा समिति में शिक्षक जनक रावत, केश्वर सेनापति के जुड़ने के बाद नाटक प्रस्तुति के अलावा नागपुरिया कवि सम्मेलन व गीत संगीत का आयोजन होने लगा.

इसमें नागपरी गीत के महान कलाकार मुकुंद नायक, मधु मंसुरी हंसमुख, मोहन साहू, देवदास विश्वकर्मा के अलावा अन्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देते थे. वर्ष 1990 के दशक में पूजा समिति में नवयुवकों शामिल किया गया. अधीर कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में आकर्षक पूजा पंडाल, भव्य प्रतिमा और तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम को जारी रखा गया. बड़े पर्दे पर फिल्म, स्थानीय कलाकारों के अलावा सिमडेगा, गुमला, रांची व पड़ोसी राज्य ओड़िशा के कलाकारों द्वारा गीत, संगीत व नृत्य की प्रस्तुति होने लगी. पूजा में युवाओं की भागीदारी बढ़ती चली गयी. इसमें अधीर गुप्ता के अलावा बसंत साहू, महेंद्र बड़ाइक, रामवृक्ष ठाकुर, रामशरण साहू, देवसागर ठाकुर, रामकुमार बड़ाइक, हेमंत सिंह, सुनील कुमार वर्मा, राजेंद्र बड़ाइक, संजय प्रसाद, परमानंद दास, विजय ठाकुर,

बसंत प्रसाद, बंशी प्रसाद, पिंटू कुमार, आदित्य प्रसाद, शैलेश कुमार, नरेंद्र बड़ाइक आदि का भी सहयोग समिति को मिलने लगा. 2014 में गठित पूजा समिति में प्रसन्न कुमार सिन्हा उर्फ पिंटू को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाया गया. पिंटू सिन्हा की अगुवाई में पूर्व के सदस्यों के साथ पप्पू साह, मनोज सिंह, पिंटू सिंह, अरुण सिंह, रिंटू सिन्हा, वेदन ठाकुर, राजू सिंह, अनिल गुप्ता, रोहित सिंह समेत अन्य सदस्यों के प्रयास से दुर्गा पूजा उत्सव को और अधिक भव्य रूप दिया गया. ओड़िसा के कारीगरों द्वारा पूजा पंडाल का निर्माण व आकर्षक विद्युत सज्जा, बाहर के कलाकारों द्वारा तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होने लगी.

वर्ष 2023 में नयी समिति में पिंटू कुमार को अध्यक्ष बनाया गया. वहीं उपाध्यक्ष में अनिल कुमार गुप्ता, रिंटू सिन्हा, मुकेश केसरी, मिथिलेश पांडेय, परमानंद दास, सचिव में पप्पू साह, उप सचिव विक्रम ठाकुर, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार, उप कोषाध्यक्ष अरुण कुमार को बनाया गया. कार्यकारी सदस्यों में हिंदू जागृति संघ के सभी सदस्य शामिल हैं. इस वर्ष बंगाल के कारीगरों द्वारा 51 फीट ऊंचा और 41 फीट चौड़ा विशाल पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. दुर्गा पूजा उत्सव को लेकर नृत्य प्रतियोगिता, भक्ति जागरण कार्यक्रम कराने की तैयारी की जा रही है.

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