Railways News: सिमडेगा के ओड़गा रेलवे ट्रैक को ग्रामीणों ने किया जाम, खड़ी रही राउरकेला-हटिया पैसेंजर ट्रेन
अधूरे ओवरब्रिज और अंडरग्राउंड पुलिया बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर ग्रामीणों ने सिमडेगा के ओड़गा रेलवे स्टेशन ट्रैक को घंटों जाम रखा. इससे राउरकेला-हटिया पैसेंजर ट्रेन खड़ी रही. ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी मांगों पर रेलवे ध्यान नहीं दे रहा है. स्टेशन मास्टर के आश्वासन के बादजाम हटा.
सिमडेगा, रविकांत साहू : रेलवे से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं होने पर मंगलवार को गुस्से में ग्रामीणों ने सिमडेगा के ओड़गा रेलवे स्टेशन पर लगभग ढेड़ घंटे तक राउरकेला-हटिया पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया. प्रखंड के ओड़गा रेलवे स्टेशन में चार सूत्री मांग को लेकर मंगलवार को पास्टर संजय कुमार तिर्की के नेतृत्व में सैंकड़ों ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक पर धरना प्रदर्शन किया.
ग्रामीणों की मांग पर रेलवे नहीं दे रहा ध्यान
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार रेलवे विभाग, रांची एवं स्थानीय रेलवे स्टेशन के नाम ज्ञापन सौंपकर चार सूत्री मांगों को पूरा कराने की मांग की गई. रेलवे दोहरीकरण कार्य पूरा होने को है, पर ग्रामीणों की मांग पर विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इससे ग्रामीण गुस्से में थे. ग्रामीण मजबूर होकर आंदोलन के लिए बाध्य हुए.
ग्रामाीणों की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे स्टेशन से पूर्वी भाग ओपी परिसर से ढोड़ीबहार तक मोरम पथ का निर्माण, अधूरे ओवरब्रिज को जल्दी पूरा करने, पुराने दक्षिण केबिन उतरी भाग के पास छोटा पुलिया को अंडरग्राउंड पुलिया बनाने एवं संपर्क फाटक देने तथा दक्षिण छोर में ढेलसेरा स्कूल के पास अंडरग्राउंड पुल निर्माण की मांग की गई थी. पुल नहीं रहने से स्कूली बच्चों के अलावा ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करते हैं.
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स्टेशन मास्टर के आश्वासन के बाद हटा जाम
इधर, मांग पूरी नहीं होने पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने मंगलवार को लगभग छह बजे से ही धरना प्रदर्शन करते हुए रेलवे मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान राउरकेला-हटिया पैंसेंजर ट्रेन लगभग ढेड़ घंटे तक स्टेशन पर ही रूकी रही. रेलवे स्टेशन मास्टर द्वारा ग्रामीणों की मांगों को पूरा करने के आश्वासन देने के बाद जाम हटाया गया. प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से नीरल जोजो, पतरस जोजो, अरविंद कंडुलना, दिलवर सिंह, कुंवर सहाय जोजोवार, लक्ष्मण जोजो, मरसलन जोजो के अलावा सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.