Jharkhand News : ट्विटर पर ट्रेंड हुई पालनी की व्यथा की कहानी, सीएम हेमंत से लेकर इस बड़े कॉरपोरेट घराने के लोग मदद को आए सामने
Gautam Adani tweet : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर देश के दूसरे सबसे बड़े कॉरपोरेट घराने अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी के अलावा रुंगटा ग्रुप व अन्य संस्थाओं तक ने मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ा दिये. यानी झारखंड की यह बेटी अब अपने सपनों को उड़ान दे पायेगी.
Jharkhand News, Simdega News, CM Hemant Soren news today, सिमडेगा : सिमडेगा में सब्जी और बूटझंगरी (चना) बेचकर गुजर-बसर करनेवाली 12 साल की पालनी शुक्रवार को दिन भर ट्विटर पर ट्रेंड करती रही. पढ़ने-लिखने में होनहार यह बच्ची नर्स बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इसके सपने दम तोड़ रहे हैं. यह कहानी सामने आते ही एक साथ मदद को कई हाथ बढ़े.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर देश के दूसरे सबसे बड़े कॉरपोरेट घराने अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी ( Gautam Adani ) के अलावा रुंगटा ग्रुप व अन्य संस्थाओं तक ने मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ा दिये. यानी झारखंड की यह बेटी अब अपने सपनों को उड़ान दे पायेगी.
कहानी शुरू होती है एबीपी न्यूज के पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी के एक ट्वीट से. श्री तिवारी ने चना बेच रही एक बच्ची के साथ अपनी फोटो ट्विटर पर अपलोड करते हुए लिखा – पालनी कुमारी, कक्षा सातवीं में पढ़ती है.
वह जब डेढ़ साल की थी, तो पापा का निधन हो गया. पालनी को नर्स बनना है, क्योंकि उसे लगता है कि नर्स ही लोगों की सेवा करती हैं. पढ़ाई कर सके, इसलिए वह सड़क किनारे चना बेचती है और मम्मी बस में. पालनी छठी कक्षा में 75 प्रतिशत अंकों से पास हुई है. जगह झारखंड, सिमडेगा, मदद कीजिए. जल्द ही इस ट्वीट पर अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी की नजर पड़ी. उन्होंने रिट्वीट करते हुए लिखा – छोटी सी बच्ची और इतने बड़े विचार…!
पालनी की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी. अगर आपमें से किसी के पास उसके परिवार की कॉन्टैक्ट डिटेल हो, तो मुझे देने की कृपा करें. यही बेटियां नये और सशक्त भारत की उम्मीद हैं. इन्हें बेहतर कल मिले, ये हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके जवाब में श्री तिवारी ने लिखा – पालनी के पास मोबाइल नहीं है. वह जहां चना बेचती है, वहीं के एक पेंटर का नंबर है.
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, सिमडेगा उपायुक्त को दिया निर्देश : देखते ही देखते पालनी की कहानी ट्विटर पर ट्रेंड करने लगी, जिस पर द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह की नजर पड़ी. उन्होंने यह स्टोरी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग कर दी. मुख्मंत्री ने तत्काल इसे सिमडेगा के उपायुक्त को रिट्वीट करते हुए लिखा – कृपया बेटी पालनी के परिवार को सरकारी योजनाओं द्वारा मदद प्रदान करें एवं पालनी की उत्तम शिक्षा का प्रबंध कर सूचना दें. इसके बाद उपायुक्त सुशांत गौरव ने अधिकारियों को आदेश दिया कि पालनी के परिवार की हर संभव मदद की जाये.
यह है पालनी की कहानी :
पालनी उर्सुलाइन काॅन्वेंट सामटोली में सातवीं में पढ़ती है. वह मां किरण देवी के साथ किराये के एक छोटे से कमरे में रहती है. पालनी नगी भवन के बाहर मेन रोड के समीप पीपल के पेड़ के चबूतरे पर बैठ कर चना बेचती है. वहीं, उसकी मां बस स्टैंड में चना बेचती है. पालनी के पास किताबें और स्कूल ड्रेस सहित अन्य जरूरतें पूरी करने के लिए पैसे नहीं हैं. मां को विधवा पेंशन मिलती है, लेकिन लाल कार्ड और प्रधानमंत्री आवास से अब तक वंचित हैं.
पालनी ने बताया कि इससे पहले वह सुबह उठ कर सब्जी बेचा करती थी. उसके बाद वह स्कूल चली जाती थी. स्कूल से लौटने के बाद फिर सब्जी बेचने के लिए महावीर चौक में बैठ जाती थी. शाम में घर लौटने के बाद खाना खाकर वह फिर पढ़ाई करने बैठ जाती थी. यह सिलसिला अभी भी जारी है. खेलने-कूदने का मन तो करता है, लेकिन यह उसकी किस्मत में नहीं है.
Posted By : Sameer Oraon