झारखंड राज्य खाद्य आयोग के मुखिया संवाद में अध्यक्ष ने कहा – भूख से मौत के लिए मुखिया होंगे जिम्मेदार
झारखंड राज्य खाद्य आयोग रांची द्वारा सिमडेगा जिले के सभी पंचायतों के मुखिया से संवाद सह लंबित परिवाद पत्रों से संबंधित जन-सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन नगर भवन सिमडेगा में किया गया. जहां अध्यक्ष ने कहा कि जिले में एक भी मौत भूख से होने पर उसकी जवाबदेही पंचायत के चुने हुए मुखिया की होगी.
Jharkhand State Food Commission: झारखंड राज्य खाद्य आयोग रांची द्वारा सिमडेगा जिले के सभी पंचायतों के मुखिया से संवाद सह लंबित परिवाद पत्रों से संबंधित जन-सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन नगर भवन सिमडेगा में किया गया. कार्यक्रम में झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी एवं सदस्य शबनम परवीन मुख्य रूप से उपस्थित थे. इस अवसर पर राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी, सदस्य शबनम परवीन और आयोग के अन्य सदस्यों ने विभिन्न पंचायतों से आये हुए मुखिया से बातचीत की.
भूख से मौत पर मुखिया जिम्मेदार
इस दौरान उन्हें राज्य खाद्य आयोग के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़ी जन वितरण योजना, मध्याह्न भोजन योजना, आंगनबाड़ी केंद्र, मातृ वंदना योजना से संबंधित जानकारी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा दी गयी.खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत् जिला आपूर्ति पदाधिकारी पूनम कच्छप ने बताया कि जन शिकायत के अंतर्गत 1800-212-5512 एवं जिला के द्वारा जारी व्हाट्सएप नंबर 9334258855 के माध्यम से भी शिकायत की जा सकती है.आयोग के अध्यक्ष द्वारा पंचायत के मुखियाओं को जागरूक करते हुए बताया गया कि वह अपनी शिकायत कहां रख सकते हैं. मुखिया की जिम्मेदारी क्या है और वह दूसरे लोगों को भी जानकारी दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य खाद्य आयोग का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि जिले में एक भी मौत भूख से होने पर उसकी जवाबदेही पंचायत के चुने हुए मुखिया की होगी. क्योंकि वही पंचायत स्तर पर बनी खाद्य सुरक्षा योजना की निगरानी समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं.
मुखिया के पास होता है शिकायत का अधिकार
जिसके तहत इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी और उनके क्रियान्वयन में आ रही कठिनाई को दूर करने के लिये शिकायत का अधिकार उनके ही पास हाता है. संवाद और जन सुनवाई कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से योजना को लेकर आयोग के समक्ष आ रही शिकायतों की समीक्षा के बाद विभाग की ओर से प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में संवाद और जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस योजना से जुड़ी जानकारी जन प्रतिनिधियों को दी जा रही है. प्रमुख रूप से मुखियाओं को आमंत्रित कर उन्हे आंगनबाड़ी से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक की ओर से चलाई जा रही खाद्य सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही है.
शिकायत के लिये व्हाट्सएप नंबर जारी
शिकायत के लिये व्हाट्सएप नंबर जारी किये गये हैं.उन्होंने कहा कि डीलर या किसी भी संबंधित पक्ष द्वारा गड़बड़ी किए जाने पर डीजीआरओ से इसकी शिकायत की जा सकती है. कहा कि जरूरतमंदों व्यक्ति जिनका राशन कार्ड नहीं है परंतु उन्हें राशन की अति आवश्यकता है इसके लिए मुखियाओं को मिलने वाले आकस्मिक निधि के तहत 10 हजार रुपए की राशि से उन लोगों को राशन खरीद कर दिया जा सकता है. उन्होंने बताया आकस्मिक निधि राशि के तहत मुखिया द्वारा उन सभी जरूरतमंदों की सहायता की जा सकती है जिन्हें राशन के अभाव से भुखमरी का सामना करना पड़ता है. जन सुनवाई के दौरान अधिकांश मुखियाओं ने पीडीएस दुकान दूर होने से लाभुकों को होने वाली समस्या के अलावा खराब नेटवर्क की जैसे समस्याओं से आयोग को अवगत कराया. खाद्य आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि जिस क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या है वहां अपवाद पंजी में दर्ज कर राशन वितरण सुनिश्चित करायें.अपर समाहर्ता श्री अमरेन्द्र कुमार सिन्हा ने जनसुनवाई में आये मुखिया जनों को इस योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जन प्रतिनिधियों को दी.कार्यक्रम में उपविकास आयुक्त अरुण वॉल्टर सांगा, समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखिया आदि उपस्थित थे.
रिपोर्ट : मो इलियास, सिमडेगा