Kartik Purnima 2020 : श्रीरामरेखा धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने की पूजा- अर्चना, पर कोरोना संक्रमण के कारण 4 दिवसीय मेला का नहीं हुआ आयोजन

Kartik Purnima 2020 : सिमडेगा शहरी क्षेत्र से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी स्थित दक्षिणी छोटानागपुर के सुप्रसिद्ध श्रीराम रेखा धाम मेला भी अन्य पर्व त्योहार की तरह ही कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया. रामरेखा पहाड़ी पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले 4 दिवसीय मेले के दौरान पैर रखने की जगह नहीं होती थी. जिस पहाड़ी पर लोग चल नहीं पाते थे. रात को तो लोग सरकते थे, आज वही पहाड़ी पूरी तरह से वीरान दिखी. पहाड़ी पर प्रशासन की सख्ती के कारण एक भी दुकानें नहीं लगी. हालांकि, कार्तिक पूर्णिमा के कारण श्रद्धालुओं के आस्था में कोई कमी नहीं दिखी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2020 8:21 PM

Kartik Purnima 2020 : सिमडेगा (रविकांत साहू) : सिमडेगा शहरी क्षेत्र से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी स्थित दक्षिणी छोटानागपुर के सुप्रसिद्ध श्रीराम रेखा धाम मेला भी अन्य पर्व त्योहार की तरह ही कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया. रामरेखा पहाड़ी पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले 4 दिवसीय मेले के दौरान पैर रखने की जगह नहीं होती थी. जिस पहाड़ी पर लोग चल नहीं पाते थे. रात को तो लोग सरकते थे, आज वही पहाड़ी पूरी तरह से वीरान दिखी. पहाड़ी पर प्रशासन की सख्ती के कारण एक भी दुकानें नहीं लगी. हालांकि, कार्तिक पूर्णिमा के कारण श्रद्धालुओं के आस्था में कोई कमी नहीं दिखी.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन झारखंड के अलावा ओड़िशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के अलावे बिहार से भी काफी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन रामरेखा धाम में हुआ है. रामरेखा धाम मुख्य मंदिर में श्रद्धालु सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए कतारबद्ध तरीके से भगवान श्रीराम सहित अन्य देवी- देवताओं के दर्शन किये. पहाड़ी के ऊपर भगवान शिव के मंदिर तथा रामरेखा बाबा के समाधि स्थल का लोगों ने दर्शन किया. पहाड़ी की चोटी पर स्थित सीता चूल्हा और अग्निकुंड के प्रति भी लोगों में आस्था दिखी.

मान्यता है कि वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम माता सीता एवं लक्ष्मण के साथ रामरेखा धाम पधारे थे. रामरेखा धाम में मंदिर के अंदर एक गुफा है. गुफा का ऊपरी हिस्सा माता सीता के सिर में लग रहा था. इसलिए भगवान श्रीराम ने अपने धनुष से गुफा के अंदर ऊपरी हिस्से में एक लकीर खींच दी थी. जिसे आज भी देखा जा सकता है. प्रभु श्रीराम द्वारा खींचे गये रेखा के आधार पर ही इस पवित्र स्थल का नाम रामरेखा धाम पड़ा.

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कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु रामरेखा धाम पहुंचे तथा मंदिर के अंदर भगवान के दर्शन किये. गुफा के अंदर स्थित मंदिर में स्थापित देवी- देवताओं के दर्शन कर लोगों ने अपनी मुरादें मांगी. धाम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. थाना प्रभारी रवींद्र कुमार सिंह, पाकरटांड बीडीओ तथा थाना प्रभारी सहित शस्त्र बलों को गश्त लगाते हुए देखा गया.

बच्ची को लगी भूख, पर दुकान नहीं खुलने से बेबश हुई मां

रामरेखा धाम में एक दृश्य हृदय को विचलित करने वाला दिखा. प्रशासन के सख्ती के कारण पहाड़ी में कोई दुकानें नहीं लगी थी. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन ने दुकान नहीं लगने की हिदायत दी थी. कार्तिक पूर्णिमा के दिन पहाड़ी पर अपनी मां के साथ भगवान के दर्शन करने आयी एक बच्ची को भूख लगी. बच्ची भूख से व्याकुल हो गयी. मां के पास पैसे थे, पर कोई दुकान नहीं खुलने से वो बेबश थी. कोराेना की दुहाई देकर बच्ची को पानी पिलाकर कुछ देर के भूख शांत कराया.

Posted By : Samir Ranjan.

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