जंगलों, नदियों व पहाड़ों को हमारे पूर्वजों ने बचाया : विधायक

विश्व आदिवासी दिवस. जनजातीय विकास परिचर्चा सह सांस्कृतिक कार्यक्रम

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 10:18 PM

सिमडेगा.

विश्व आदिवासी दिवस पर नगर भवन में शुक्रवार को जिला प्रशासन के तत्वावधान में विश्व आदिवासी दिवस पर जनजातीय विकास परिचर्चा सह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक भूषण बाड़ा, विधायक विक्सल कोंगाड़ी, डीसी अजय कुमार सिंह, एसपी सौरभ कुमार, जिप अध्यक्ष रोज प्रतिमा सोरेंग, एलआरडीसी अरुणा कुमारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी रौशन कुमार ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में आदिवासी सांस्कृतिक नाच प्रतियोगिता हुई. कार्यक्रम में विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि आदिवासी संस्कृति महान है, जिसे आदर की दृष्टि से देखने की जरूरत है. हमारे आदिवासी समाज के पूर्वजों ने ही जंगलों, नदियों व पहाड़ों को बचाया है. उन्होंने कहा कि हम आदिवासियों को सिर्फ जंगल में रहने वाले गरीब के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. जंगल व मानव विकास की पूरी कहानी हमारे पूर्वजों के पास है. आज जरूरत है कि एक आम देशवासी के अंदर आदिवासी समाज के प्रति संवेदना जगायी जाये. विधायक ने कहा कि हम आदिवासियों के लिए उनकी जमीन, संस्कृति व भाषा महत्वपूर्ण है. आदिवासी समुदाय एक स्वाभिमानी समुदाय है. हम भगवान बिरसा, वीर बुधू भगत, तेलंगा खड़िया के समुदाय के हैं. विधायक ने कहा कि झारखंड सरकार आदिवासी परंपरा, कला-संस्कृति, रहन-सहन, आदिवासी उत्पाद और गीत-संगीत-नृत्य को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. भाजपा के लोग तो हमसे हमारा नाम तक छीनने में लगे हैं. मौके पर कई ग्रामीणों के बीच विभिन्न योजनाओं के तहत चेक वितरित किया गया. कार्यक्रम में परियोजना निदेशक सरोजनी तिर्की, महिला अधिकार कार्यकर्ता अगुस्टीना सोरेंग, जिप सदस्य समरोम पॉल तोपनो, सीइओ मो इम्तियाज अहमद, एलआरडीसी, प्रतिमा कुजूर शोभेन तिग्गा, नीला नाग, ज्योति लुगून, अरविंद लुगून, समीर किंडो, अनूप मिंज, तन्नु डुंगडुंग, सागर केरकेट्टा, सोनल लकड़ा, शैलेश कुजूर, जॉनी, बन्नू, संदीप तिग्गा, सुमित एक्का आदि उपस्थित थे.

हमारा अधिकार को छीनने का हो रहा है प्रयास : विधायक

विधायक विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि नृत्य व संगीत के साथ-साथ सदैव संघर्ष आदिवासी समाज की पहचान है. देश के विभिन्न क्षेत्रों में हमारे आदिवासी भाई-बहन प्रताड़ना झेलने व अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं. कहा कि मणिपुर में हजारों घर जल कर तबाह हो गये, सैकड़ों लोगों को मारा गया व महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया गया है. कहा कि यह वर्चस्ववादी ताकतों व समानता तथा भाईचारे की ताकतों के बीच संघर्ष है.

आदिवासी भाषाओं को बचाने की जरूरत : जोसिमा

जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने कहा कि आदिवासियों के साथ बेइमानी की गयी है. कहा कि चाहे अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध हो या महाजनों के जुल्म के खिलाफ संघर्ष या फांसी पर लटकने की हिम्मत हो या अंतिम आदमी के रूप में लड़ते हुए मर जाने का साहस, इनमें अगुआई के बावजूद इतिहासकारों ने हमारे आदिवासी समाज के पूर्वजों को जगह नहीं दी, जो दुर्भाग्य है. कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों की भाषाएं गायब हो चुकी हैं, जिसे बचाने की जरूरत है.

प्रशासन आदिवासी समुदाय के विकास के लिए प्रतिबद्ध : डीसी

डीसी अजय कुमार सिंह ने कहा आदिवासी समाज के विकास के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. लेकिन जागरूकता के अभाव में आदिवासी समाज के लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन आदिवासी समुदाय के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

एकजुट रहें आदिवासी समाज के लोग : एसपी

एसपी सौरभ कुमार ने कहा कि आज आदिवासी समाज बिखरा हुआ है. समाज के लोगों को एकजुट रहने की जरूरत है. एसपी ने कहा कि आदिवासी समाज के लोग अपनी भाषा संस्कृति को बचाने के लिए आगे बढ़ें. क्योंकि आदिवासी समाज की भाषा संस्कृति ही उनकी पहचान है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version