सिमडेगा के कांसजोर डैम में दूर-दूर से मछली फंसाने पहुंच रहे हैं लोग
युवा छात्र विवेक लकड़ा ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद है. ऐसे में अपने गांव के छात्रों के साथ ग्रुप बना कर मछली फंसाने के लिए डैम जाते हैं. युवा छात्र पहियास कुजूर ने बताया कि वे डैम में मछली फंसाने के साथ-साथ मस्ती करने के लिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप में से किसी को अच्छी तरह से जाल फेंकना नहीं आता है फिर भी वे जाल फेंकना सीखने जाते हैं. जाल में कोई एक छोटा बड़ा मछली फंस जाने पर ग्रुप के लोग बहुत खुश होते हैं. डैम इंचार्ज अलार टेटे के द्वारा छात्रों को जाल फेंकने का तरीका बताया गया.
सिमडेगा. बरसात शुरू होते ही पाकरटांड़ प्रखंड में स्थित कांसजोर जलाशय में मछली फंसाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों के अलावा दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. स्थानीय निवासी युवा छात्र आकर्षण लकड़ा ने बताया कि डैम में रोजाना मछली फंसाने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. मछली फंसाने के लिए लोग दिन-रात डैम में रह रहे हैं. दूर से आने वाले लोग अपने लिए खाना पीना साथ में ले कर पहुंच जाते हैं.
युवा छात्र विवेक लकड़ा ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद है. ऐसे में अपने गांव के छात्रों के साथ ग्रुप बना कर मछली फंसाने के लिए डैम जाते हैं. युवा छात्र पहियास कुजूर ने बताया कि वे डैम में मछली फंसाने के साथ-साथ मस्ती करने के लिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप में से किसी को अच्छी तरह से जाल फेंकना नहीं आता है फिर भी वे जाल फेंकना सीखने जाते हैं. जाल में कोई एक छोटा बड़ा मछली फंस जाने पर ग्रुप के लोग बहुत खुश होते हैं. डैम इंचार्ज अलार टेटे के द्वारा छात्रों को जाल फेंकने का तरीका बताया गया.