झारखंड में सबसे पहले सिमडेगा में लांच किया गया रक्षक ऐप, अब गश्ती में पुलिस नहीं कर सकेगी खानापूर्ति
झारखंड में सबसे पहले सिमडेगा जिला में लांच रक्षक ऐप (Rakshak App) लांच किया गया. इस ऐप के माध्यम से जिले में क्राइम कंट्रोल में पुलिस को मदद मिलेगी. वहीं आम नागरिकों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने में पहले से और ज्यादा तत्पर रहेगी.
सिमडेगा, रविकांत साहू : झारखंड के सिमडेगा जिला में सबसे पहले बिट पुलिसिंग के तहत रक्षक ऐप (Rakshak App) लांच किया गया. समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय में एसपी सौरभ कुमार ने बिट पुलिसिंग के तहत रक्षक ऐप लांच किया. मौके पर उपस्थित पत्रकारो को संबोधित करते हुए एसपी सौरभ कुमार ने बताया कि बिट पुलिसिंग के तहत विभागीय स्तर पर झारखंड में सिमडेगा जिला पहला है जहां पर रक्षक ऐप लांच किया गया है. बिट पुलिसिंग के जरिए शहरी व ग्रामीण इलाको के मुख्य संस्थान, प्रतिष्ठान के अलावे वैसे स्थल जहां पर क्राइम की संभावना बनी रहती है, वहां पर रक्षक ऐप का क्यूआर कोड लगाया जाएगा. गस्ती में जो भी पुलिस शामिल रहेंगे उनको उक्त स्थल पर जाकर रक्षक ऐप को स्कैन करना पड़ेगा.
एसपी ने बताया कि इससे पुलिस की गतिविधी और बढ़ जायेगी. पुलिस की गतिविधि बढ़ेगी तो निश्चित रूप से आम नागरिकों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से फायदा मिलेगा. एसपी सौरभ कुमार ने कहा कि रक्षक ऐप का क्यूआ कोड लगाने के लिये जिले के सरकारी गैर सरकारी संस्था के अलावा विभिन्न प्रकार के स्थलों को चयनित किया गया है. एसपी ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में रक्षक ऐप को और भी वृहद रूप दिया जाएगा.
रक्षक ऐप के माध्यम से जिले में क्राइम कंट्रोल में पुलिस को मदद मिलेगी. वहीं आम नागरिकों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने में पहले से और ज्यादा तत्पर रहेगी. बिट अधिकारी की भी नियुक्ति की गयी है. बहरहाल रक्षक ऐप लांच किये जाने के बाद अब गश्ती में शामिल पुलिस बल खानापूर्ति नहीं कर सकेंगे.
कब कर सकते है रक्षक ऐप का उपयोग
इस एप्लिकेशन का उपयोग इमरजेंसी की स्थिति में किया जा सकता है, जहां एक बटन पर क्लिक करने पर यह एप्लिकेशन एसएमएस को 4 अलग-अलग (रिलेटिव / फ्रेंड्स) नंबर पर करंट लोकेशन भेजेगा और आपातकालीन नंबर पर वॉयस कॉल भी शुरू करेगा. Rakshak App स्मार्टफोन के माध्यम से आत्मरक्षा सेवा और डिजिटल सुरक्षा प्रदान करता है. यह ऐप आपको सुरक्षित महसूस कराने के लिए कई सुविधाएँ भी प्रदान करता है.