विदेशों में भी आदिवासी संस्कृति की पहचान : सत्यव्रत
पाकरटांड़ में अखरा कार्यक्रम का आयोजन
पाकरटांड़ में अखरा कार्यक्रम का आयोजन
सिमडेगा.
पाकरटांड़ प्रखंड की कुरुसकेला पंचायत के कटासारू बाजारटांड़ में भाषा व संस्कृति को बचाये रखने के लिए इसराइल बा के नेतृत्व में अखरा कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में झारखंडी भाषा संस्कृति रक्षा मंच के सचिव सत्यव्रत ठाकुर उपस्थित थे. मौके पर उन्होंने उपस्थित कलाकारों को विलुप्त हो रही पारंपरिक अखरा संस्कृति को बचाए रखने की बात कही. उन्होंने कहा आदिवासी संस्कृति की पहचान पूरे देश ही नहीं विदेशों में भी है. हमारी संस्कृति लाखों में एक है, जिसे बचा कर रखना हम सभी की जिम्मेवारी है. आज हमारे युवा पाश्चात्य संगीत और डीजे से प्रभावित होकर हमारी पारंपरिक गीत संगीत से दूर हो रहे हैं. इसके लिए हम अभिभावक ही जिम्मेदार हैं. मौके पर आयोजनकर्ता इसराइल बा ने भी अखरा संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए गांव-गांव में प्रचार-प्रसार अभियान चलाने की बात कही. अखरा कार्यक्रम के दौरान लोक गीत व नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कटासारू नवाटोली मारिया मार्ग के टीम को प्रथम पुरस्कार, टाटी पानी नृत्य मंडली को द्वितीय पुरस्कार, गोंदली पानी नृत्य मंडली को तृतीय पुरस्कार व सीरू परिधिया नृत्य मंडली, कटासारू गिरजाटोली खास, धूमाडाड़ नृत्य मंडली को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत पारंपरिक नृत्य गीत व मांदर नगाड़ा बजा कर किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों ने नगाड़ा बजा कर किया. कार्यक्रम के दौरान वन, आदिवासी संस्कृति व अखरा को बचाने के लिए उपस्थित ग्रामीणों को अखरा में प्रत्येक सप्ताह ढोल मांदर नगाड़ा के साथ लोकगीत एवं नृत्य का आयोजन करने व युवक-युवतियों को प्रशिक्षण देने की बात कही गयी. ग्रामीणों को अखरा में डीजे नहीं बजाने के लिए शपथ दिलायी गयी. कार्यक्रम को सफल बनाने में बिमल बा, सिलास कुल्लू, अंजुलस बा, मार्टिन कुल्लू, ललिता बा, सुषमा कुल्लू, तरकेलेन बा, सिलबिना कुल्लू, सामेल बा, लोतेम बा, दशरथ महली, उत्तम सोरेंग, गिप्सन मुंडू, बिलियम बा, अनूप सोरेंग आदि की अहम भूमिका रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है