शिक्षा अधिकार अधिनियम का न हो उल्लंघन : प्रधान जिला जज
व्यवहार न्यायालय में प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू
सिमडेगा.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा गठित लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रेन समिति के सदस्यों के लिए व्यवहार न्यायालय में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला बुधवार को शुरू हुई. कार्यशाला का उद्घाटन प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला जज राजीव कुमार सिन्हा, सीजेएम मनीष कुमार सिंह, सचिव मरियम हेमरोम, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुभाष बाड़ा, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष रमेश कुमार श्रीवास्तव, बार एसोसिएशन के सचिव प्रद्युम्न सिंह, चीफ एलएडीसी प्रभात श्रीवास्तव ने किया. कार्यशाला में प्रधान जिला जज ने बच्चों के लिए बनी कानूनी सेवाओं की जानकारी दी. उन्होंने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000, बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 आदि अधिनियमों के बारे जानकारी दी. उन्होंने बच्चों के हितों की रक्षा के लिए बने नियमों, सरकारी योजनाओं व समिति गठन के उद्देश्यों के बारे में बताया. पीडीजे श्री सिन्हा ने कहा कि प्रशिक्षण लेकर क्षेत्र में ऐसा वातावरण तैयार करें, जिससे बच्चों का समुचित विकास हो और उनके खिलाफ होने वाले हिंसा में अंकुश लगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन न हो और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. कहा कि बाल श्रम व बच्चों की तस्करी रोकने के लिए कानून बने हैं. बाल विवाह रोकथाम के लिए भी कानूनी प्रावधान है. हम सभी को मिल कर इस दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि बच्चों की हितों की रक्षा हो सके. पीडीजे ने पॉक्सो एक्ट के बारे जानकारी देते हुए कहा कि अगर किसी बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौनाचार होता है, तो इसमें भी पॉक्सो एक्ट लगेगा. बच्चों के गोद लेने समेत विभिन्न कानूनों के बारे उन्होंने जानकारी दी. मौके पर चीफ एलएडीसी प्रभात श्रीवास्तव ने विभिन्न कानूनों के बारे जानकारी देते हुए कहा कि समिति सदस्यों पर एक बड़ी जिम्मेवारी है. इन सभी कानूनों के बारे लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, ताकि इसका लाभ लोग उठा सकें. मौके पर ब्रिखभान अग्रवाल, संजय महतो, जगदीश्वर साहू, अरुण तिर्की, प्रेमानंदशील टोपनो आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है