प्रखंड के कोनसोदे प्रीतम चौक से केतुंगा मंदिर तक लगभग पांच किलोमीटर सड़क की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है. रोड में लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. सड़क जर्जर होने से सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. गड्ढे होने से आये दिन दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. लोगों को बरसात के दिनों में प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में काफी असुविधा होती है.
बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण बारिश के दिनों में गड्ढे में पानी भर जाता है. जिससे अक्सर दुर्घटना होती रहती है. प्रशासन के द्वारा उक्त सड़क पर भारी वाहन के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है. लेकिन इसके बाद भी भारी वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिससे रोड धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है. कई स्थानों में पुल की स्थिति भी दयनीय हो गयी है.
कोनसोदे प्रीतम चौक से मंदिर तक व मंदिर से जामटोली तक दोनों रास्ता खराब होने के कारण लोग काफी परेशान हैं. लोगों का कहना है कि मंदिर आने जाने के लिए दोनों सड़क काफी जर्जर हो गयी है. जिसके कारण आने जानेवाले भक्तों व राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मंदिर से जामटोली तक सड़क में कई जगह बोल्डर निकल गये हैं.
जिस पर पैदल चलना मुश्किल हो गया है. गांव के महेश सिंह ने बताया कि सड़क काफी जर्जर हो गयी है. जिससे आने जाने में काफी असुविधा होती है. शनिका सुरीन ने बताया कि भारी वाहनों का परिचालन को लेकर प्रशासन द्वारा मना किया गया है. इसके बाद भी हाईवा सहित अन्य भारी वाहन इस मार्ग में चल रहे हैं. जिससे सड़क और खराब होती जा रही है.
सोमारी सुरीन ने कहा कि बरसात के दिनों में बड़े-बड़े गड्ढे होने से अक्सर मोटरसाइकिल सवार सहित अन्य लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. चांदनी देवी ने कहा कि बच्चों को स्कूल आने जाने में बरसात के दिनों में काफी परेशानी होती है. बच्चे उच्च शिक्षा के लिए लचरागढ़ और बानो जाते हैं. लेकिन बरसात के कारण बच्चों को आने जाने में काफी असुविधा होती है.
सुरसेन सुरीन ने बताया कि प्रीतम चौक से मंदिर तक सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. तथा कई पुल भी स्थिति भी दयनीय हो गयी है. भारी वाहनों के परिचालन से रोड अत्यंत ही खराब हो गयी है. गांव के बिराज डांग ने कहा कि प्रशासन पहल नहीं करती है, तो ग्रामीण आंदोलन करने का मन बना रहे हैं. केतुंगाधाम के पुरोहित प्रदीप गोस्वामी ने बताया कि भारी वाहनों के चलने से सड़क काफी खराब हो गयी है.