Jharkhand News: धर्म की रक्षा के लिए सनातनी आगे आये, सिमडेगा में अखंड दास जी महाराज ने कही ये बात
सिमडेगा में तीन दिवसीय माघ पूर्णिमा मेला भंडारे के साथ संपन्न हुआ. इस मौके पर 24 घंटे के अखंड हरीकीर्तन की पूर्णाहुति सोमवार को हुई. पूर्णाहुति के अवसर पर नगर भ्रमण का आयोजन हुआ1 इस दौरान जमकर गुलाल- अबीर उड़े. वहीं, बनारस से आये द्वारिकाधीश श्रीश्री 1008 अखंड दास जी महाराज ने लोगों को संबोधित किया.
सिमडेगा, रविकांत साहू : सिमडेगा के सुप्रसिद्ध रामरेखा धाम में माघ पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले तीन दिवसीय मेले का आयोजन अखंड हरिकीर्तन की पूर्णाहुति भंडारे के साथ संपन्न हो गया. रामरेखा धाम में माघ पूर्णिमा के अवसर पर तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया गया था. मेला के आयोजन के अवसर पर अखंड हरिकीर्तन का भी आयोजन किया गया था. 24 घंटे के अखंड हरीकीर्तन की पूर्णाहुति सोमवार को हुई. पूर्णाहुति के अवसर पर नगर भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान गुलाल अबीर भी जमकर उड़े. नगर भ्रमण कार्यक्रम के समापन के बाद भंडारा का आयोजन किया गया. जिसमें झारखंड के अलावा ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से काफी संख्या में श्रद्धालु रामरेखा धाम पहुंचकर गुफा के अंदर स्थित देवी-देवताओं के दर्शन किए उसके बाद भंडारा में प्रसाद ग्रहण किये. वहीं, रामरेखा धाम विकास समिति की बैठक में सर्वसम्मति से रामरेखा धाम के नये अध्यक्ष के रूप में अखंड दास जी महाराज का चयन किया गया.
धर्म की रक्षा करता रामरेखा धाम
इस मौके पर बनारस से आये द्वारिकाधीश श्रीश्री 1008 अखंड दास जी महाराज ने अपने संदेश में सनातनियों को संबोधित करते हुए कहा कि रामरेखा धाम प्राचीन काल से ही धर्म स्थली है. ब्रह्मलीन रामरेखा बाबा जयराम प्रपन्नाचार्य जी महाराज की यह कर्म भूमि है. उन्होंने अपना पूरा जीवन सनातनियों की सेवा में लगा दिया. रामरेखा धाम के यश को पूरे देश में फैलाने का काम किया. अखंड दास जी महाराज ने कहा कि रामरेखा धाम झारखंड़, ओडिशा और छत्तीसगढ़ का केंद्र है. यह धाम धर्म की रक्षा करता है.
सदाचार का आचरण करे लोग
अखंड दास जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि सभी लोगों का कल्याण हो. सबका विकास हो. यही रामजी का आशीर्वाद है. उन्होंने कहा कि भगवान सबके हैं. रामरेखा धाम सभी के कल्याण के लिए है. यहां से लोग आदर्श शिक्षा लेकर देश समाज व राज्य की सेवा करें. रामरेखा धाम आने वाले लोगों का कल्याण होता है. लोग सदाचार का आचरण करें और अपने सनातन धर्म को संगठित और सुरक्षित करने के लिए आगे आये.