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झारखंड : 60 साल में पहली बार सूखा सिमडेगा का छठ तालाब, भीषण गर्मी में नदी और कुएं भी सूखे

सिमडेगा में भीषण गर्मी का असर यहां के नदी, तालाब और कुंओं पर पड‍़ा है. पालामाड़ा नदी सूख गयी है. 60 साल में पहली बार छठ तालाब सूख गया. इसके कारण लोगों के साथ मवेशी भी पानी के लिए परेशान हैं. ग्रामीण नदी से बालू की खुदाई कर पानी घर ले जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 2, 2023 5:50 AM
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सिमडेगा, रविकांत साहू : सिमडेगा जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से कुंआ, तालाब और नदियां पूरी तरह से सूख चुकी हैं. जिले में 43 डिग्री से भी अधिक तापमान होने से शहर व गांव में स्थित कुआं तालाब व नदियां सूख गयी हैं. नदियां एवं तालाब सूखने से शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बार शहरी क्षेत्र का छठ तालाब भी सूख चुका है. लगभग 60 वर्षों में पहली बार शहरी क्षेत्र में स्थित यह छठ तालाब पूरी तरह से सूख कर मैदान में तब्दील हुआ है. इससे पूर्व पहले जहां लबालब पानी भरा रहता था, उसी तालाब में अब एक बूंद पानी नजर नहीं आ रहा है. तालाब सूखने से लोग अचंभित हैं.

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पालामाड़ा नदी भी सूखी

इसी तरह पालामाड़ा नदी के अलावा अन्य नदियां भी सूख चुकी हैं. नदी में सिर्फ बालू ही बालू नजर आ रहा है. पालामाड़ा नदी के किनारे रह रहे अंकुरा गांव के लोगों को पालामाड़ा नदी सूख जाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अंकुरा गांव के लोगों को भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. नदी व तालाब सूखने से लोगों को नहाने धोने के पानी की भी किल्लत हो गयी है. विशेषकर के मवेशियों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

बनाये गये बोरा बांध ने दी थोड़ी राहत

कहते हैं विपदा में अवसर होता है. इसे कर दिखाया है अंकुरा गांव के लोगों ने. पालामाड़ा नदी के सीने को चीर कर बोरा बांध बनाया गया. बोरा बांध में पानी भरा हुआ है. बोरा बांध बनने से ग्रामीणों को लाभ हुआ है.

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मई माह में नहीं हुई बारिश

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मई माह में नहीं के बराबर बारिश हुई. पिछले वर्ष की तुलना में भी मई माह में कम बारिश हुई. 2022 मई माह में 29.7 एमएम बारिश हुई थी, किंतु इस वर्ष पूरे मई महीने में सिर्फ 22.3 एमएम बारिश हुई है. पिछले वर्ष मई महीने के बीच में कभी-कभी बारिश होने से तालाबों का जलस्तर बना रहा, किंतु इस वर्ष मई माह में पूरी तरह से सूखा रहा. बारिश नहीं होने व भीषण गर्मी से तालाब व नदियां सूख गयी हैं.

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