Jharkhand News, Simdega News सिमडेगा : एक तरफ जहां सिमडेगा में हॉकी, फुटबॉल, कुश्ती सहित अन्य खेलों में जिले के खिलाड़ी देश दुनिया में परचम लहा रहे हैं तो दूसरी तरफ यहां क्रिकेट की स्थिति बदहाल है. ये स्थिति आज से नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से बनी हुई है. जानकारों का इस बारे में कहना है कि सिमडेगा में हॉकी, फुटबॉल, सीलंबम, कुश्ती सहित अन्य खेलों में काफी संख्या में खिलाड़ियों को उभरते हुए देखा गया है, दूसरे खेलों में खिलाड़ियों को पर्याप्त अवसर मिलना लेकिन क्रिकेट के साथ ऐसा नहीं है.
हर जिले की तरह यहां भी क्रिकेट संघ है, लेकिन इन सब के बावजूद यहां के खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर दूसरे महानगरों के खिलाड़ियों को अवसर दिया जाता है. ऐसी बातें नहीं है कि जिले में क्रिकेट के प्रतिभावान खिलाड़ियों की कोई कमी है. जरूरत है तो सिर्फ यहां के खिलाड़ियों को सिर्फ मौका देने की. जो अब तक नहीं हो सका है. इसका कारण चाहे जो भी हो लेकिन जब भी कोई टूर्नामेंट का आयोजन होता है तब अन्य प्रदेशों से या झारखंड के अन्य शहरों के खिलाड़ियों को सिमडेगा जिला क्रिकेट संघ में रजिस्ट्रेशन कराकर उन्हें खेलाया जाता है. ये सिलसिला आज से नहीं बल्कि पिछले एक दशक से जारी है.
हैरानी तो तब होती है जब वहां के एसपी को ये नहीं पता कि वो वहां के अध्यक्ष है. न ही किसी ने उन्हें इस बात की जानकारी देना जरूरी समझा. बता दें कि सिमडेगा क्रिकेट एसोसिएशन के पदेन अध्यक्ष एसपी होते हैं. खुद एसपी डॉक्टर शम्स तबरेज ने इस बात पर हैरानी जाहिर की है. उन्होंने बताया कि उन्हें स्थानीय जिला क्रिकेट संघ के द्वारा कभी उनके अध्यक्ष होने की जानकारी नहीं दी गई है.
टूर्नामेंट को लेकर भी किसी तरह की चर्चा उनसे नहीं की गई है. एसपी डॉक्टर शम्स तबरेज ने बताया कि अन्य खेल के माध्यम से खिलाड़ी काफी ऊंचाई तक पहुंच चुके हैं. खिलाड़ियों को खेल के बदौलत नौकरी भी मिली है. किंतु क्रिकेट में जिले के क्रिकेट खिलाड़ियों को मौका नहीं मिलना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. एसपी डॉक्टर शम्स तबरेज ने कह कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है. वे इस मामले की एक समिति बनाकर जांच कराएंगे.
Posted By : Sameer Oraon