सिमडेगा की सलीमा और संगीता ने राष्ट्रमंडल खेल में दिखायी हुनर, पर शहर में लगे बैनर में नहीं मिली जगह
राष्ट्रमंडल खेल में कांस्य पदक लेकर लौटी सिमडेगा की बेटी सलीमा टेटे और संगीता कुमारी का अपने गृह जिला आने पर भव्य स्वागत हुआ, वहीं, प्रशासनिक उपेक्षा भी देखने को मिली. स्वागत समारोह में कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं आये.
Jharkhand News: राष्ट्रमंडल खेल में कांस्य पदक जीतकर लौटी सिमडेगा की दो बेटियां सलीमा टेटे और संगीता कुमारी का हॉकी सिमडेगा के कार्यालय में जोरदार स्वागत किया गया. लेकिन, इन दोनों बेटियों को प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेलना पड़ा है. स्वागत कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी नदारद रहें, वहीं शहर में लगे बैनर में दोनों बेटियों की तस्वीर नहीं लगाकर बाहरी खिलाड़ियों की तस्वीर लगाई गई थी.
राष्ट्रमंडल खेल में दोनों हॉकी खिलाड़ियों ने दिखायी हुनर
मालूम हो कि गत 29 जुलाई से 8 अगस्त तक इंग्लैंड में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में भारतीय महिला हॉकी टीम ने 16 वर्षों के बाद कांस्य पदक प्राप्त की. कांस्य पदक विजेता भारतीय महिला हॉकी टीम में सिमडेगा की दो स्टार बेटियां सलीमा टेटे और संगीता कुमारी भी शामिल थी. दोनों खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया. सलीमा टेटे ने प्रतियोगिता में तीन गोल किये, वहीं संगीता कुमारी ने एक गोल कर प्रतियोगिता में अपना परचम लहराया है.
अपने घर पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत
इंग्लैंड से लौटने के बाद बुधवार को पहली बार अपने गृह जिला पहुंचने पर हॉकी सिमडेगा द्वारा संघ के सदस्य एवं खिलाड़ियों के द्वारा स्वागत किया गया. दोनों खिलाड़ियों के पहुंचते ही फूलमाला और बुके देकर सम्मानित किया गया. खिलाड़ियों को लड्डू खिलाकर मुंह मिठा कराया गया. हॉकी सिमडेगा के कार्यालय में उपस्थित छोटे हॉकी खिलाड़ियों के साथ खेल के अनुभव को दोनों खिलाड़ियों ने साझा किया. दोनों बेटियों ने प्रधानमंत्री के साथ बिताए पल की जानकारी भी बच्चों को दी. बच्चों ने स्टार खिलाड़ियों से मिलकर खुश जाहिर किया.
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हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष ने दोनों खिलाड़ियों के संघर्ष को किया याद
स्वागत कार्यक्रम में हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने दोनों खिलाड़ियों के शुरुआत के दिनों की बातें नन्हें खिलाड़ियों को बतलाए. कहा कि घास-फूस और उबड़-खाबड़ मैदान से खेलते हुए दोनों खिलाड़ी जिला स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने में सफलता हासिल की है. मेहनत और अनुशासित रहने से आप भी इस मुकाम को हासिल कर सकते हैं. दोनों दीदियों के मेडल को छूकर बच्चे खुश हो रहे थे. बेटियों के स्वागत कार्यक्रम में मुख्य रूप हॉकी सिमडेगा अध्यक्ष मनोज कोनबेगी, पंख्रासियुस टोप्पो, सोहन बड़ाइक, वेद प्रकाश भोगता, प्रतिमा तिर्की, सुजीत एक्का, अनुज बेसरा, दीपक मांझी इत्यादि सहित गोंडवाना खेल छात्रावास के हॉकी खिलाड़ी, हॉकी सिमडेगा के खेल सेंटर के दर्जनों खिलाड़ी उपस्थित थे.
प्रशासनिक उपेक्षा नजर आयी
राष्ट्रमंडल खेल में कांस्य पदक जीतकर वापस लौटी सिमडेगा की बेटियों के स्वागत कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी नदारद रहे. प्रशासन द्वारा इंटरनेशनल हॉकी खिलाडियों की उपेक्षा की गयी. बर्मिघम टूर्नामेंट से लौटने के बाद पहली बार इंटरनेशनल खिलाड़ी सलीमा और संगीता सिमडेगा पहुंची. हॉकी सिमडेगा के कार्यालय में स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सलीमा व संगीता को कार्यक्रम में पहुंच कर बधाई देना मुनासिब नहीं समझा गया. जबकि उक्त खिलाड़ियों का स्वयं प्रधानमंत्री ने स्वागत किया तथा सम्मान दिया.
शहर के बैनर में भी नहीं मिली जगह
इतना ही नहीं, प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता पिछले दिनों भी सिमडेगा में आयोजित नेहरू हॉकी कप के दौरान शहरी क्षेत्र में लगाए गए बैनर में भी देखने को मिला. इस बैनर में सिमडेगा की हॉकी बेटी सलीमा और संगीता सहित अन्य किसी भी खिलाड़ी की तस्वीर बैनर में नहीं लगाकर प्रशासन ने बाहर के खिलाड़ियों की तस्वीर लगाई गई थी.
रिपोर्ट : रविकांत साहू, सिमडेगा.