लॉकडाउन में शादी ब्याह पर पाबंदी, सिमडेगा में तीन करोड़ का टेंट-कैटरिंग व्यवसाय प्रभावित

ऐसे में तीन करोड़ से भी ज्यादा का कैटरिंग और टेंट का व्यवसाय प्रभावित हो गया. शहरी क्षेत्र में मुख्य रूप से महेश शर्मा कैटरिंग, रोहिल्ला टेंट एंड कैटरिंग, गोयल टेंट एंड कैटरिंग, जय टेंट एंड कैटरिंग एवं चंद्रवंशी टेंट एंड कैटरिंग के अलावे लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा टेंट हाउस है. कैटरर महेश शर्मा ने बातचीत में बताया कि पिछले साल कोरोना व लॉकडाउन के दौरान प्रशासनिक स्तर पर रिसीविंग सेंटर के अलावा क्वरेंटाइन सेंटर में कैटरिंग एवं टेंट हाउस से जुड़े लोगों के द्वारा काम किया जा रहा था.

By Prabhat Khabar News Desk | May 20, 2021 1:49 PM

Jharkhand Lockdown News Update सिमडेगा : झारखंड सरकार द्वारा लॉक डाउन में शादी-ब्याह पर बंदिश लगाये जाने के कारण कैटरिंग और टेंट हाउस से जुड़े लोगों को लगभग तीन करोड़ से भी ज्यादा का व्यवसाय प्रभावित हुआ. लगभग दो करोड़ की बुकिंग कैंसिल की गयी. झारखंड सरकार के द्वारा लॉकडाउन के दौरान शादी विवाह पर बंदिश लगाये जाने के बाद से लगभग दो करोड़ की बुकिंग विभिन्न कैटरिंग संचालकों द्वारा की गयी थी. किंतु शादी पर पाबंदी लगने के कारण बुकिंग कैंसिल करनी पड़ी है.

ऐसे में तीन करोड़ से भी ज्यादा का कैटरिंग और टेंट का व्यवसाय प्रभावित हो गया. शहरी क्षेत्र में मुख्य रूप से महेश शर्मा कैटरिंग, रोहिल्ला टेंट एंड कैटरिंग, गोयल टेंट एंड कैटरिंग, जय टेंट एंड कैटरिंग एवं चंद्रवंशी टेंट एंड कैटरिंग के अलावे लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा टेंट हाउस है. कैटरर महेश शर्मा ने बातचीत में बताया कि पिछले साल कोरोना व लॉकडाउन के दौरान प्रशासनिक स्तर पर रिसीविंग सेंटर के अलावा क्वरेंटाइन सेंटर में कैटरिंग एवं टेंट हाउस से जुड़े लोगों के द्वारा काम किया जा रहा था.

कुछ हद तक रोजगार चल रहा था. कैटरिंग और टेंट हाउस से जुड़े लोगों का व्यवसाय कुछ हद तक चल रहा था. किंतु इस बार के कोरोना संक्रमण के दौरान झारखंड सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में टेंट एवं कैटरिंग का व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है. लगभग तीन करोड़ से भी ज्यादा का व्यवसाय ठप पड़ गया.

कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े लगभग 500 से भी ज्यादा लोग बेरोजगार की स्थिति में जी रहे हैं. इसी व्यवसाय से लगभग 500 लोगों की दाल रोटी चल रही थी. किंतु अब किसी प्रकार भोजन की व्यवस्था हो रही है. किंतु अन्य जरूरतों को पूरी करने में लोगों को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version