सिमडेगा में ओबीसी को नहीं मिला आरक्षण तो लोकसभा व विधानसभा चुनाव में वोट का करेंगे बहिष्कार
सिमडेगा सहित अन्य जिलों में ओबीसी को चपरासी तक की नौकरी नहीं मिल रही है. वक्ताओं ने यह भी कहा कि बिहार में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त था. बिहार में ओबीसी के लोगों को उनके जिलों में नौकरी भी मिलती थी.
सिमडेगा, रविकांत साहू : सिमडेगा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) ने ऐलान कर दिया है कि अगर उन्हें आरक्षण नहीं मिला, तो वे वोट का बहिष्कार करेंगे. सिमडेगा शहरी क्षेत्र के नीचे बाजार पंडाल परिसर में जिला पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में यह घोषणा की गई. बैठक की अध्यक्षता अरविंद प्रसाद ने की. बैठक में मुख्य रूप से सिमडेगा सहित झारखंड के सात जिलों में ओबीसी को शून्य कर दिए जाने के मामले को लेकर गंभीरता से चर्चा की गई. बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस लगातार ओबीसी समाज को बेवकूफ बना रही है. इन पार्टियों को सिर्फ वोट से मतलब है. पिछड़ा वर्ग की समस्याओं से इनका कोई लेना-देना नहीं है. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से ही सिमडेगा सहित राज्य के सात जिलों में ओबीसी आरक्षण को शून्य कर दिया गया है. सिमडेगा सहित अन्य जिलों में ओबीसी को चपरासी तक की नौकरी नहीं मिल रही है. वक्ताओं ने यह भी कहा कि बिहार में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त था. बिहार में ओबीसी के लोगों को उनके जिलों में नौकरी भी मिलती थी. किंतु झारखंड अलग होने के बाद से ही ओबीसी का आरक्षण प्रतिशत सिमडेगा सहित सात जिलों में शून्य कर दिया गया.
हेमंत सोरेन पीट रही 27 फीसदी आरक्षण देने का ढोल
उपस्थित वक्ताओं ने यह भी कहा कि वर्तमान में हेमंत सोरेन की सरकार हर जगह ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की ढोल पीट रही है. वहीं, सिमडेगा सहित राज्य के सात जिलों में ओबीसी की आबादी शून्य दिखाई गई है. वक्ताओं ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दल ओबीसी को बेवकूफ बनाना बंद करें. पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति के वक्ताओं ने यह भी कहा कि अगर ओबीसी को उनका हक सरकार नहीं देती है, तो आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जायेगा.
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