ताराबोगा पंचायत क्षेत्र के कान्दाबेडा गांव निवासी सहाय लकड़ा के घर में रविवार को नावा खानी पर्व मनाया गया था. जहां गौरी डूबा निवासी पतरस एक्का की बेटी एडलीन एक्का भी आई थी. सभी रात्रि में खाना खा कर सोने चले गए. तीनों बच्चियां एक जगह सोयी हुई थीं. तभी रात लगभग 9 बजे तीनों ने परिजनों को उठाया और कुछ काट लेने की बातें कहीं.
सहाय लकड़ा ने उठकर एक सांप देखा, जिसे मारने की कोशिश की, लेकिन घर की दीवार में बने बिल से सांप निकल कर भाग गया. परिजनों तीनों बच्चियों को उठा कर जिलिंगा गांव लेकर आए . वहां सहिया सरोजिनी देवी के द्वारा वाहनों के लिए संपर्क किया गया, लेकिन नेटवर्क नहीं रहने के कारण बात नहीं हो सकी.
गांव के बुद्धिजीवियों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी. सूचना पर बच्चियों के शव को रेफरल अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने तीनों बच्चियों को मृत घोषित कर दिया. बताया जाता है कि इसके बाद भी परिजन तीनों बच्चियों को झाड़ फूंक के लिये ओड़िशा के राजगांगपुर ले गए.
Posted By : Guru Swarup Mishra