संस्कृति व परंपरा से दूर हो रहा है आदिवासी समाज : मनोरमा

डाक बंगला परिसर में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2024 9:18 PM

डाक बंगला परिसर में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया

सिमडेगा

. जिला परिषद के डाक बंगला परिसर में रविवार को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस होप व फिमी संस्था के संयुक्त तत्वावधान में मनाया गया. मौके पर होप की मैनेजिंग ट्रस्टी सुश्री मनोरमा एक्का ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान समय में आदिवासी समाज को एकजुट करना व आदिवासी समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है. कहा कि यह कार्यक्रम झारखंड के तीन जिले लोहरदगा, गुमला व सिमडेगा में किया गया. उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज दुनिया की चकाचौंध के प्रभाव में आकर अपनी संस्कृति व परंपरा से दूर होते जा रहा है. ऐसे में एक संगठित प्रयास की जरूरत है. होप आदिवासी महिलाओं में नेतृत्व के विकास व उनको सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इस प्रक्रिया के तहत आदिवासी भाइयों व बहनों को संगठित करने और उनको संवैधानिक अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सजग करने के लिए यह एक पहल है. कहा कि आप सबकी उपस्थिति एक-दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत है. कहा कि वर्तमान में हमारे आदिवासी समाज में कई तरफ से हमले हो रहे हैं. कहीं न कहीं यह हमारी अद्भुत परंपरा जो प्रकृति के इर्द-गिर्द घूमती है, उसको नष्ट करने की एक सोची-समझी साजिश है. महिला काॅलेज सिमडेगा की काॅर्डिनेटर सह सिमडेगा काॅलेज की सहायक शिक्षिका तिरीयो एक्का ने कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है, ताकि अपने इतिहास को बचा सकें. हमें अपनी भाषा व संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना होगा. सिमडेगा काॅलेज के प्रोफेसर रौशन टेटे ने कहा कि महिलाओं का नेतृत्व को और विकसित करने की जरूरत है. क्योंकि आदिवासी समाज में महिलाओं का नेतृत्व जब तक नहीं होगा, तब तक समाज सही मायने में विकसित नहीं होगा. उन्होंने संवैधानिक अधिकारों के प्रति भी लोगों को सजग रहने की बात कही. कहा कि आदिवासी समाज में महिलाओं को विशेष अधिकार देने की जरूरत है. इस अवसर पर विभिन्न गांवों से आयी मंडलियों ने सामूहिक आदिवासी नाच प्रस्तुत की. अतिथियों व पंचायतों से आये मुखिया व होप के साथियों को सम्मानित किया गया. चयनित जनप्रतिनिधियों से विशेष निवेदन किया गया कि अपने कार्यक्षेत्र में सभी आदिवासी भाई व बहन के विकास के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिलाने में हरसंभव सहयोग करें. क्षेत्र से हो रहे असुरक्षित पलायन व ट्रैफिकिंग जैसी गंभीर समस्याओं को मिल कर रोकने का प्रयास करें. ऑगस्टीन सोरेंग ने कहा कि होप द्वारा आदिवासी समाज को संगठित करने के लिए यह एक बहुत सफल प्रयास है. इस प्रयास में उनका सहयोग रहेगा. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लिली ग्रुप खरवागढ़हा ठेठईटांगर, दूसरा स्थान कोडेगटोला टुकूपानी व तीसरा स्थान चांगुरबेड़ा बंबलकेरा को प्राप्त हुआ. बाकी टीमों को भी सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में अरविंद वर्मा, उज्जवल कुशवाहा, प्रतिमा डांग, निलेता टेटे, अगुसतीना सोरेंग आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

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