झारखंड के सिमडेगा में दो खूंखार नक्सलियों ने किया सरेंडर
Two CPI Maoists Surrender in Simdega District of Jharkhand. झारखंड (Jharkhand) के उग्रवाद प्रभावित जिला सिमडेगा (Simdega) में भाकपा माओवादी (CPI Maoist) के दो खूंखार नक्सलियों (Naxalites) ने शुक्रवार (6 मार्च, 2020) को पुलिस के समक्ष सरेंडर (Surrender) कर दिया. इनमें एक 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली था. विनोद पंडित उर्फ विनोद दास (Vinod Pandit @ Vinod Das) नामक भाकपा माओवादी का यह नक्सली जोनल कमांडर (Zonal Commander) था. विनोद पंडित के साथ भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर (Area Commander) गणेश लोहरा उर्फ भगवान ने भी सरेंडर किया है. इन्हें सरेंडर पॉलिसी (Surrender Policy) के तहत क्रमश: 5 लाख और 2 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया.
रांची : झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला सिमडेगा में भाकपा माओवादी के दो खूंखार नक्सलियों ने शुक्रवार (6 मार्च, 2020) को पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. इनमें एक 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली था. विनोद पंडित उर्फ विनोद दास नामक भाकपा माओवादी का यह नक्सली जोनल कमांडर था. विनोद पंडित के साथ भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर गणेश लोहरा उर्फ भगवान ने भी सरेंडर किया है. इन्हें सरेंडर पॉलिसी के तहत क्रमश: 5 लाख और 2 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया.
दोनों नक्सलियों ने सिमडेगा के एसपी संजीव कुमार सिंह और सीआरपीएफ के कमांडेंट के समक्ष आत्मसमर्पण किया. विनोद पंडित के खिलाफ 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि गणेश लोहरा पर 4 मुकदमे दर्ज हैं. उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए कई साल से प्रयास कर रही है. राज्य से नक्सलवाद के दंश को मिटाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने सरेंडर पॉलिसी बनायी थी.
सरकार की आकर्षक सरेंडर नीति के कारण कई बड़े नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. जिन लोगों ने सरेंडर नहीं किया, उनमें से बहुत से नक्सलियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया और कई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस और प्रशासन मिलकर नक्सलियों से परिवार से संपर्क कर रही है और उनसे अपील कर रही है कि वे अपने भटके हुए परिजनों को मुख्यधारा में शामिल करने में प्रशासन की मदद करें. इसका भी लाभ उन्हें मिल रहा है.
उल्लेखनीय है कि नक्सलियों के सफाये के लिए प्रदेश के उग्रवाद प्रभावित जिलों में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाये जा रहे हैं. इस दौरान पुलिस के साथ मुठभेड़ में काफी संख्या में नक्सली मारे गये हैं. प्रदेश में सक्रिय नक्सलियों और उनके ठिकानों को नष्ट करने के लिए सुरक्षा बलों के जवानों के साथ मिलकर राज्य की पुलिस जंगलों से लेकर शहर तक लगातार दबिश दे रही है. इससे घबराकर भी कई नक्सली सरेंडर कर रहे हैं.