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25 से भी ज्यादा मिश्रित मसालों की लंबी रेंज लेकर आए हैं सनराइज मसाले

भारतीय खान-पान पूरी दुनिया में मशहूर हैं. वजह है इसका अद्भुत स्वाद और इसकी भीनी-भीनी खुशबू, जो आती है इसमें इस्तेमाल होनेवाले मसालों से. यूं कहें कि भारतीय मसाले यहां के खान-पान की आत्मा हैं. इसके बिना भारतीय व्यंजन के स्वाद और सुगंध की कल्पना ही नहीं की जा सकती. इनमें इस्तेमाल होनेवाला सबसे आम है- गरम मसाला. चाहे वेज हो या नॉनवेज, हर व्यंजन का स्वाद गरम मसाले से कई गुना बढ़ जाता है.

भारतीय खान-पान पूरी दुनिया में मशहूर हैं. वजह है इसका अद्भुत स्वाद और इसकी भीनी-भीनी खुशबू, जो आती है इसमें इस्तेमाल होनेवाले मसालों से. यूं कहें कि भारतीय मसाले यहां के खान-पान की आत्मा हैं. इसके बिना भारतीय व्यंजन के स्वाद और सुगंध की कल्पना ही नहीं की जा सकती. इनमें इस्तेमाल होनेवाला सबसे आम है- गरम मसाला. चाहे वेज हो या नॉनवेज, हर व्यंजन का स्वाद गरम मसाले से कई गुना बढ़ जाता है.

पालक पनीर, शाही पनीर, राजमा, छोला जैसे वेज फूड को शाही गरम मसाला ही लजीज बना देता है. वहीं नॉनवेज फूड, जैसे- चिकन बिरयानी, मटन कोरमा, चिकन टिक्का मसाला आदि डिशेज भी गरम मसाले के फ्लेवर से लाजवाब हो जाती हैं. शाही गरम मसाला मूलत: धनिया, तेज पत्ता, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ, इलाइची, लौंग, जीरा, चक्रफूल जैसे 32 सामग्रियों तक के मिश्रण से तैयार किया जाता है. आज के समय में गरम मसाला दुनिया के ज्यादातर देशों में इस्तेमाल किया जाता है. ईरान जैसे देशों में भी इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा होने लगा है. जाहिर है इसका अद्भुत स्वाद लजीज व्यंजन बनाने के लिए प्रेरित करता है.

हर राज्य में गरम मसाले का स्वाद है अलग

दिलचस्प है कि गरम मसाले हर राज्य की कुजीन में इस्तेमाल होते हैं, लेकिन फिर भी सभी जगह उनका स्वाद अलग-अलग होता है. यह फर्क इसलिए, क्योंकि उन प्रदेशों में जिन मसालों की उपलब्धता होती है, उसके हिसाब से वहां के गरम मसाले की सामग्री में फर्क आ जाता है. हालांकि गरम मसालों के इतिहास के बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं मिलती, लेकिन इसका जिक्र पर्शिया की कुजीन्स में आता है. मुगलई डिशेज में गरम मसाला काफी इस्तेमाल किया जाता है, इसीलिए यह माना जाता है कि मुगल शासक इसे भारत लेकर आये थे. वैसे लौंग का उल्लेख रामायण में मिलता है.

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पिसे मसालों का है ये जमाना

एक समय था जब दादी-नानी और फिर माताएं अपने हाथों से विभिन्न सामग्रियों को कूट कर या पिस कर घर पर ही मिश्रित मसाला तैयार करती थीं. मगर आधुनिक दौर में सीमित समय तथा कामकाजी आबादी के कारण यह परंपरा पीछे छूटते जा रही है. मगर ब्रांडेड मिश्रत मसालों के दौर में मसालों के क्षेत्र में 100 वर्षों का अनुभव रखनेवाला ‘सनराइज मसाले’ स्वाद व सुगंध की उसी परंपरा को बखूबी बरकरार रखे हुए है. पिछले कुछ वर्षों में भारत में पिसे मसालों के बाजार में जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई है.

मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है गरम मसाला

गरम मसाले के नाम से ऐसा जाहिर होता है कि यह तासीर में गरम होती है, लेकिन मूल रूप से यह शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा बनाये रखने में मदद करता है. इससे सेहत बरकरार रहती है और वजन नियंत्रित रहता है. आयुर्वेद के अनुसार, गरम मसाले अपनी डाइट में इस्तेमाल करने से शरीर का तापमान बढ़ता है. कई आयुर्वेदिक औषधियां भी इन मसालों से तैयार की जाती हैं. ठंड के दिनों में तो शरीर का तापमान बनाये रखने के लिए खाने में गरम मसाले का काफी इस्तेमाल किया जाता है. पिसा हुआ मसाला ग्लूटन फ्री होता है. गरम मसाले के अनूठे स्वाद के कारण भारतीय कुजीन दुनियाभर में पसंद की जाती हैं. इसलिए विदेशों में बनने वाले भारतीय फूड आइटम्स में भी इनका काफी इस्तेमाल किया जाता है. इन मसालों को भून लेने पर इनका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इससे न सिर्फ सब्जी का फ्लेवर बढ़ जाता है, बल्कि इसकी खुशबू खाने के लिए भूख को और भी ज्यादा बढ़ा देती है. पिसा हुआ गरम मसाला ग्लूटन फ्री होता है. अगर आप बाजार से गरम मसाला खरीद रहे हैं, तो आपको उसकी पैकिंग जरूर देखनी चाहिए. इससे आपको यह पता चल जायेगा कि उसमें कौन-कौन से मसाले इस्तेमाल हुए हैं.

घर पर पा सकते हैं रेस्टोरेंट वाला स्वाद

पहले जहां गिने-चुने मसाले, जैसे- सब्जी मसाला, मीट मसाला आदि ही बाजार में उपलब्ध हुआ करते थे, वहीं अब हर व्यंजन के लिए खास मसाले उपलब्ध हैं. इसका प्रमुख कारण यह है कि मसालेदार और स्वादिष्ट भोजन की शौकीन दुनिया की सबसे बड़ी आबादी भारत में बसती है. अब ऐसे में किसी को अचानक माछेर झोल खाने का दिल करे या फिर शाही पनीर, सनराइज मसाले की लंबी रेंज बाजार में उपलब्ध है. इससे गृहिणियों के समय की बचत भी होती है और वे फैमिली के साथ ज्यादा वक्त बिता पाती हैं.

आज जहां कोरोनाकाल व लॉकडाउन के कारण बाहर का खाना लोग अवॉयड कर रहे हैं, वहीं सनराइज मसाले की मदद से आप घर पर ही रेस्टोरेंट वाला स्वाद पा सकते हैं. ऐसा नहीं है कि ये स्पेशल मसाले सिर्फ वीकेंड या खास मौकों पर ही इस्तेमाल किये जा सकते हैं, बल्कि रोज बननेवाले दाल को भी ‘तड़का मसाला’ से खास बना सकते हैं.

सनराइज तड़का मसाला
रोजाना घर पर बननेवाले दाल में आप सनराइज तड़का मसाला का इस्तेमाल करके ढाबा स्टाइल का स्वाद पा सकते हैं.
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क्या आप जानते हैं?

भारत को मसालों का घर भी कहा जाता है. आज भारतीय मसाले अपनी उत्कृष्ट सुगंध, स्वाद और औषधीय गुणों के कारण सबसे ज्यादा डिमांड में है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और मसालों का निर्यातक है. मसालों के वैश्विक व्यापार में आधा हिस्सा भारत का है. ISO द्वारा सूचीबद्ध मसालों की 109 किस्मों में से 75 का उत्पादन भारत करता है.

”एक परंपरा, जो चले जमाने के साथ”

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