Tribal Entrepreneurship Program : आदिवासी युवाओं ने सीखा उद्योग व व्यापार की बारीकियां
Tribal Entrepreneurship Program : सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर में ट्राइबल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा ट्राइबल इंटरप्रेनियोरशिप प्रोग्राम 2.0 का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नये एवं लगनशील आदिवासी युवाओं को उद्योग व व्यापार के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित किया गया.
Tribal Entrepreneurship Program : सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर में ट्राइबल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा ट्राइबल इंटरप्रेनियोरशिप प्रोग्राम 2.0 का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नये एवं लगनशील आदिवासी युवाओं को उद्योग व व्यापार के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित किया गया. उन्हें उद्योग व व्यापार के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया. मौके पर बतौर मुख्य अतिथि टाटा स्टील के वरिष्ठ प्रबंधक बाहालेन चांपिया व विशिष्ट अतिथि के रूप में एफसीआई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर गंगाराम गागराई व पश्चिमी सिंहभूम चैप्टर के सचिव अनमोल पिंगुआ मौजूद थे. ट्राइबल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के राष्ट्रीय महासचिव बसंत तिर्की ने कहा कि टिक्की के द्वारा आदिवासी युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा. पहले चरण में सफलतापूर्वक झारखंड में तकरीबन 600 से 700 युवाओं को तैयार किया जा चुका है. जो वर्तमान समय में अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं. परंतु उनमें से ज्यादातर उद्यमी सर्विस क्षेत्र से जुड़ेहैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी युवाओं को विनिर्माण के क्षेत्र में लाने के लिए प्रेरित एवं हैंड होल्डिंग सपोर्ट दिया जा रहा है. प्रशिक्षण से लेकर वित्त व्यवस्था में भी टिक्की प्रबंधन के द्वारा सहयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा कि टिक्की पिछले 4 वर्षों से राज्य सरकार से आदिवासी उद्यमिता बोर्ड का गठन की मांग कर रही है. लेकिन वर्तमान नई हेमंत सोरेन की सरकार से इस दिशा में सहयोग की उम्मीद है. आदिवासी उद्यमिता बोर्ड के गठन होने से झारखंड के तकरीबन 30 से 40 लाख बेरोजगार युवाओं को सीधे तौर से फायदा पहुंचेगा और स्वरोजगार से जुड़सकेंगे. इसके साथ ही एक बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन भी होगा. इस उद्यमिता कार्यक्रम 2.0 में ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यम पर फोकस किया जा रहा है. गांव-गांव में सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने की दिशा में काम किया जाएगा. आदिवासी उद्यमिता कार्यक्रम में गणेश टुडू, सोम गणेश टुडू, अमृत बेसरा, महेश मुर्मू, बलराम सोरेन, सुनील किस्कू, सूरज मारदी, जगदीश सरदार, लक्ष्मण टुडू, दुर्गाचरण टुडू, सिराज टुडू, प्रकाश माली, समीर टुडू, सुखराम टुडू, राज मार्शल मार्डी, जोसेफ कांडिर, रंजन मार्डी, सुरेश सिंकु समेत अन्य मौजूद थे.
आदिवासी युवाओं को 100 स्थायी दुकान बनाकर दिया जाये
बसंत तिर्की ने कहा कि टाटा कंपनी एफरमेटिव एक्शन पर बेहतर काम कर रही है. टाटा कंपनी के पास सीएसआर का बड़ा बजट है. इसलिए नाच गान के अलावा आदिवासियों को विनिर्माण स्थापित करने में मदद करे. प्रत्येक वर्ष कम से कम 20 लोगों को मदद दे. साकची एवं बिष्टुपुर में जोहार हाट की तर्ज पर 100 स्थायी दुकान बनाकर आदिवासी युवाओं को लीज पर उपलब्ध कराया. आदिवासी उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पाद को टाटा की विभिन्न कंपनियां खरीदारी भी करे. राज्य सरकार भी आदिवासी उद्यमियों से 20 प्रतिशत की प्रोक्योरमेंट अनिवार्य करे. विभिन्न कंपनियां हर किसी को अपना वेंडर नहीं बना सकती है. लेकिन परंतु अपने-अपने क्षेत्र में मार्केट एरिया में कम से कम 50 -100 दुकानें बनाकर स्थानीय आदिवासियों को लीज पर देकर रोजगार से जोड़ने का काम कर ही सकते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जमशेदपुर के आसपास टाटा के विभिन्न कंपनियों में करीब 200 आदिवासी युवा वेंडर के रूप में सेवारत है.
टिक्की का पूर्वी सिंहभूम कमेटी का गठन किया
ट्राइबल कल्चर सेंटर में ट्राइबल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा पूर्वी सिंहभूम चैप्टर के लिए नई कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी में जिला अध्यक्ष के रूप में रामलाल माहली, जिला उपाध्यक्ष-जोसेफ कांडिर, जिला सचिव-सौरव बेसरा, जिला सह सचिव-सुबोध लकड़ा, जिला कोषाध्यक्ष-कुंवर नाग, झारखंड राज्य चैप्टर के सोशल मीडिया एवं आईटी सेल प्रभारी शंकर सेन महाली को मनोनीत किया गया.