रांची : केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्य भर के करीब 2.38 करोड़ पशुओं का टीकाकरण (वैक्सिनेशन) होगा. यह काम साल में दो बार किया जायेगा. भारत सरकार इसके लिए पूरा संसाधन उपलब्ध करा रही है. जिन पशुओं का टीकाकरण होगा, उनमें 1.12 करोड़ गोवंश, 12.54 लाख भैंस, 6.42 लाख भेड़, 45 लाख बकरी तथा करीब 12.86 लाख सूकर शामिल हैं.
इसके लिए पशुओं को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है. टीकाकरण के लिए जानवरों की टैगिंग की जा रही है. भारत सरकार ने 2030 तक सभी पशुओं से फूट एंव माउथ डिजीज (एफएमडी) तथा ब्रुकोलॉसिस उन्मूलन का लक्ष्य रखा है.
योजना की सफलता के लिए राज्य स्तरीय कमेटी : भारत सरकार की इस योजना का क्रियान्वयन झारखंड स्टेट इम्पलीमेंटिंग एजेंसी फॉर कैटल एंड बुफैलो डेवलपमेंट (जेएसआइए), होटवार को बनाया गया है. इसके लिए विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीकी की अध्यक्षता में एक मॉनिटरिंग कमेटी बनायी गयी है. कमेटी की सचिव निदेशक पशुपालन नैंसी सहाय होंगी.
कमेटी में जेएसआइए के सीइओ, एलआरएस के निदेशक, पशुपालन निदेशालय के डॉ मनोज कुमार तिवारी, एलआरएस के डॉ संजय कुमार चखैयार तथा जेएसआइए के चीफ इंस्ट्रक्टर डॉ कृष्णकांत तिवारी को रखा गया है.
सभी गोवंश एवं भैंस जाति के पशुओं के लिए 12 अंकों का यूआइडी नंबर जारी होगा. यह यूआइडी नंबर जानवरों के कान में टैग किया जायेगा. इनका निबंधन इंफॉरमेशन नेटवर्क फॉर एनीमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ (आइएनएपीएच ) से किया जायेगा. इसी नंबर के आधार पर जानवरों के टीकाकरण की जानकारी ली जा सकेगी. भारत सरकार ने नाफेड का चयन लॉजिस्टिक एजेंसी के रूप में किया है, जो टैग, टैग एप्लीकेटर व वैक्सीन उपलब्ध करा रही है.
posted by : sameer oraon