आदिवासी समन्वय समिति की कार्यशाला सह प्रशिक्षण
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राज्य में गलत तरीके से हुआ है टीएसी का गठन : चांपिया
आदिवासी समन्वय समिति की कार्यशाला सह प्रशिक्षण चक्रधरपुर : शहर के गुरुद्वारा में आदिवासी समन्वय समिति की कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व गोपीनाथ चाकी, नंदु बारला, कमल बोदरा ने संयुक्त रूप से किया. कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चांपिया, पूर्व विधायक मंगल सिंह […]
चक्रधरपुर : शहर के गुरुद्वारा में आदिवासी समन्वय समिति की कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व गोपीनाथ चाकी, नंदु बारला, कमल बोदरा ने संयुक्त रूप से किया. कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चांपिया, पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, नरेश मुर्मू, कुमार चंद्र मार्डी, उलैडसन डुंगडुंग, सुशील बारला आदि मौजूद थे. मौके पर वक्ताओं ने सीएनसी-एसपीटी एक्ट में संशोधन एवं चक्रधरपुर के 27 गांव को नगर परिषद में शामिल करने से आदिवासी समाज का विकास होगा या विनाश, विषय पर चर्चा की.
श्री चांपिया ने कहा कि झारखंड में टीएसी का गठन गलत तरीक से किया गया है. टीएसी आदिवासियों के लिए मिनी विधानसभा की तरह काम करता है. उसमें न गैर आदिवासी सदस्य होंगे और न ही अध्यक्ष. पर सीएम रघुवर दास किस आधार पर टीएसी केअध्यक्ष हैं, यह समझ से परे है. पूर्व विधायक श्री बोबोंगा ने कहा कि झारखंड में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन से पूरे राज्य में शांति व सुशासन व्यवस्था भंग हो गयी है. ये अनुसूचित क्षेत्र है. इस क्षेत्र में 5वीं अनुसूची लागू है. इसी कानून को जमीनी स्तर में लागू किये बगैर आदिवासियों व मूलवासियों के विरोध में काम कर रही है. कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किये. इस अवसर पर कृष्णा सिंह जामुदा समेत काफी संख्या में समिति के सदस्य उपस्थित थे.
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