किरीबुरू : 70 घंटें बाद आयी बिजली, आधे घंटा में फिर गुल

नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं लोग मैनपावर की भारी समस्या से जूझ रहा बिजली विभाग किरीबुरू : सेल की किरीबुरू खदान व टाउनशिप में बीते तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति और संचार सुविधा ठप है. इससे जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. यहां के लोग नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं. मंगलवार की दोपहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2017 5:34 AM

नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं लोग

मैनपावर की भारी समस्या से जूझ रहा बिजली विभाग
किरीबुरू : सेल की किरीबुरू खदान व टाउनशिप में बीते तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति और संचार सुविधा ठप है. इससे जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. यहां के लोग नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं. मंगलवार की दोपहर तीन बजे करीब 70 घंटे बाद बिजली सेवा बहाल हुई. हालांकि आधे घंटे में फिर बिजली गुल हो गयी. बिजली संकट को लेकर पिछले तीन दिनों से सेल अधिकारियों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. इससे लोग असमंजस की स्थिति थी. सेल की उक्त खदान के बिजली विभाग समेत तमाम विभाग मैनपावर की भारी समस्या से वर्षों से जूझ रहा है. इसके बावजूद अधिकारी व कर्मचारी इस संकट का समाधान के लिए भारी बारिश में रात, दिन जंगल आदि की खाक छान रहे हैं. गड़बड़ी पकड़ में नहीं आ रही थी.
एक जगह मरम्मत होने पर दूसरे जगह हो रही खराबी
खदान के महाप्रबंधक के ईभा राजू ने बताया की नोवामुण्डी-किरीबुरु के बीच जंगल में बिजली लाईन पर पेड़ गिरने से यह समस्या आयी. कल उप महाप्रबंधक (विद्युत) डी के बासू ने शहर के ओवर हेड लाईन में खराबी की बात कह 25 जुलाई की शाम बिजली आने की बात कही थी. वहीं एक अन्य अधिकारी ने नोवामुंडी सब स्टेशन एंव शहर में खराबी से समस्या की बात कही थी. खराबी कहां से है वह खोजा नहीं जा पाया था. एक जगह ठीक किया जाता है, तो दूसरे स्थान पर खराबी आ जा रही है.
डाकघर व बैंकों में दो दिनों से कार्य ठप
बिजली व संचार सुविधा नहीं रहने से डाकघर व बैंकों में दो दिनों से कार्य ठप है. इसकी पुष्टि पोस्टमास्टर ने की. इतना हीं नहीं तमाम लोगों का मोबाइल चार्ज के अभाव में स्विच ऑफ हो गये हैं. इनके घर इंवर्टर सुविधा थी, वह भी फेल हो चुका था. सेल की खदानों में उत्पादन, डिस्पैच से लेकर बैंकों, दुकानदारों के कारोबार एंव स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य से लेकर आम जनता की आम जिन्दगी पर असर पड़ा है. खदान का डीजी सेट चलाकर कुछ उत्पादन करने का प्रयास प्रबंधन कर रहा था.

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