बाइक में पीछे से धक्का मार दो अपराधी जंगल में ले गये

अपहर्ताओं से छूटे बैंक मैनेजर ने पुलिस को बतायी पूरी कहानी किरीबुरू/गुवा/मनोहरपुर : बीओआइ गुवा शाखा के मैनेजर आशीष कुमार गुप्ता को पुलिस ने अपहरण के करीब छह घंटे के अदर मुक्त करा लिया और तीन में से एक अपहर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान मैनेजर ने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2017 4:32 AM

अपहर्ताओं से छूटे बैंक मैनेजर ने पुलिस को बतायी पूरी कहानी

किरीबुरू/गुवा/मनोहरपुर : बीओआइ गुवा शाखा के मैनेजर आशीष कुमार गुप्ता को पुलिस ने अपहरण के करीब छह घंटे के अदर मुक्त करा लिया और तीन में से एक अपहर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान मैनेजर ने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया है.
पुलिस के अनुसार बैंक मैनेजर आशीष गुप्ता ने बताया कि गुरुवार की शाम 5:35 बजे ड्यूटी के बाद वह अपनी बाइक से अपने घर मनोहरपुर के लिए निकले. करीब 3-4 किमी जाने के बाद एक बाइक ने पीछे से टक्कर मार दी. इससे वे जमीन पर गिर गये. बाइक सवार दो (जेना केराई व एक अन्य) ने मैनेजर पर डंडा व फरसा से हमला कर दिया. मैनेजर ने किसी तरह खुद को बचाया. मैनेजर के हाथ में चोट लग गयी. इसके दोनों अपराधी ने मैनेजर आशीष को थोड़ी दूर झाड़ियों में ले गये. यहां रस्सी से आशीष के दोनों हाथ बांधकर जंगल में एक किलोमीटर अंदर ले गये.
हमदर्द बनकर पेश हुआ रमेश निकला अपराधी: इसी क्रम में वहां चोरी की बाइक (जेएच06 इ-9395) से पहुंचे रमेश वर्मा (अपराधियों का साथी) ने अंधेरे में तीनों को (मैनेजर व अपहरणकर्ता) को दौड़ाया. अपहरणकर्ताओं ने मैनेजर को एक स्थान पर बैठाकर रखा. अपहरणकर्ताओं ने रमेश के साथ थोड़ी दूर जाकर करीब 45 मिनट बात की. इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने रात साढ़े आठ बजे आशीष को उसकी पत्नी और भाई से फोन पर बात करायी. अपहरणकर्ता के लौटने पर मैनेजर ने जल्द 2-2 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया.
इसके बाद मध्यरात्रि करीब 12:30 बजे मैनेजर आशीष को रमेश के साथ जाने दिया.
मौके से पैदल लगभग ढाई घंटे चलने के 3 बजे वह गुवा थाना पहुंचे और मामले की जानकारी पुलिस को दी. तीन बजे के आस-पास रिहा किया. घटनास्थल के पास रमेश का कहना है कि इनको दो लोग पिस्टल लेकर कहीं जा रहे थे, वे भागे तो हम बचाते हुए लेकर गुवा के तरफ आये. गौरतलब है कि इधर किरीबुरू डीएसपी तौकर आलम के निर्देश पर बैंक अधिकारी कुजूर अपहरणकर्ताओं के हर फोन पर जवाब देते रहे कि बैंक का पैसा कैशियर नहीं दे रहे हैं लेकिन हम लोग अपने स्तर से पैसे की व्यवस्था में लगे हैं. आप 3-4 बजे सुबह तक इंतजार करें. इसी बीच सुबह अपराधियों ने बैंक मैनेजर को छोड़ दिया.
घटनास्थल पर दो बाइक खड़ी होने के प्रमाण
डीएसपी तौकिर आलम, बिनोद कुमार (इंस्पेक्टर) व गुवा थाना प्रभारी संजय कुमार ने शुक्रवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया.
यहां बैंक मैनेजर सहित एक अन्य मोटरसाइकिल के खड़ी होने के प्रमाण मिले हैं.
हत्याकांड का आरोपी है मुख्य आरोपी रमेश
घटना का मुख्य आरोपी रमेश वर्मा, पिता- स्व शिव दयाल वर्मा गुवा के भट्ठीसाई निवासी है. वह बड़ाजामदा में हत्याकांड का अभियुक्त बताया जा रहा है. कुछ माह पूर्व जेल से छूट कर आया है. रमेश के पिता शिव दयाल वर्मा सेल की गुवा खदान में मजदूर थे. उसका स्थायी घर उत्तर प्रदेश में बताया जा रहा है. रमेश ने खुद को एक मजदूर बताया.
रमेश ने पुलिस को बरगलाने की कोशिश की
सूत्रों अनुसार पूछताछ में रमेश ने बरगलाने का प्रयास किया. बताया कि वह बड़ाजामदा किसी काम से गया था. वहां नोवामुंडी निवासी जेना केराई से मुलाकात हुई. दोनों ने हड़िया पीया. इसके बाद गुवा लौट रहा था, तो मैनेजर को मुसीबत में देख बचाया. पुलिस नोवामुंडी के जेना केराई व रमेश वर्मा से जुड़े दोस्त व उनके फोन डिटेल्स खंगालने में लगी है.
धमकाने पर बैंक मैनेजर ने सहयोगी से बात की
पुलिस के अनुसार जंगल में मैनेजर से पैसे की मांग की. अपराधियों के धमकाने के बाद उसने (आशीष) अपने सहयोगी बैंक कर्मी अजीत कुजूर से फोन पर बात करने का प्रयास किया. संपर्क नहीं होने पर अन्य कर्मी राजू दास से बात कर अपहरण की जानकारी दी. वहीं पैसे जुगाड़ कर 10-20 मिनट में बोकना पुल के पास पहुंचाने को कहा. इसी क्रम में मैनेजर ने एक और बैंककर्मी अनिल सिंह से बात की. इसी बीच एक अपराधी को पैसे की जुगाड़ होने की जानकारी मिली. वह बताये गये स्थान पर पैसा लाने गया. यहां उसे पैसा नहीं मिलने पर खाली हाथ वापस लौट आया. इसके बाद दोनों अपराधी मैनेजर को ओड़िशा ले जाने की बात कह कुछ दूर गये, फिर वापस लौट आये.

Next Article

Exit mobile version