264 करोड़ से नहीं संवरी सारंडा की तसवीर

छह साल में पूर्ण नहीं हो सकी सारंडा एक्शन प्लान की योजनाएं सारंडा को नक्सल मुक्त करने के उद्देश्य से शुरू हुआ था प्लान किरीबुरू : वर्ष 2011 में सारंडा एक्शन प्लान की शुरुआत की गयी. कुल 264 करोड़ रुपये से सारंडा में विकास की बयार लाकर इसे नक्सलमुक्त करने की योजना थी. प्लान के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2017 4:38 AM

छह साल में पूर्ण नहीं हो सकी सारंडा एक्शन प्लान की योजनाएं

सारंडा को नक्सल मुक्त करने के उद्देश्य से शुरू हुआ था प्लान
किरीबुरू : वर्ष 2011 में सारंडा एक्शन प्लान की शुरुआत की गयी. कुल 264 करोड़ रुपये से सारंडा में विकास की बयार लाकर इसे नक्सलमुक्त करने की योजना थी. प्लान के तहत सारंडा की छह पंचायतों में लाइलोर, दीघा, गंगदा, छोटानागरा, चिड़िया मकरंडा के 56 गांवों में विकास निर्धारित हुआ, लेकिन संवदेकों की लापरवाही और सरकारी व प्रशासनिक अधिकारियों के लचीलेपन से प्लान की आधी से अधिक योजनाएं अबतक पूर्ण नहीं हो सकी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने योजना की शुरुआत की थी. जयराम रमेश जबतक मंत्री थे, तबतक योजना का कार्य तीव्र गति और प्राथमिकता के आधार पर चला. बाद में योजनाओं को पूर्ण करने में सुस्ती आ गयी.
योजनाएं पूर्ण कराने के लिए नक्सलियों के खिलाफ चला था ऑपरेशन
विकास योजनाएं धरातल पर उतराने के लिए सीआरपीएफ के 2000, झारखंड जगुआर के 600, जिला बल के 100 जवान, कोबरा की दो बटालियन सहित दो हेलीकॉप्टर से सारंडा में बड़ा ऑपरेशन चलाया गया. छोटानागरा से बालीबा, किरीबुरू से कुमडीह-सैडल, जराइकेला से दीघा, करमपदा से थलकोबाद-तिरिलपोसी, छोटानागरा से रोआम-बुंडु, बीसरा से झारबेड़ा, तोपाडीह से काशीबेड़ा की ओर जाने वाले पथ में सीआरपीएफ ने बड़ा ऑपरेशन चलाकर, सड़क को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराया था.
ये योजनाएं हैं अपूर्ण
चार करोड़ रुपये की लागत से दीघा में बना आइडीसी सेंटर
छोटानागरा पशु चिकित्सालय अस्पताल
20 बेड का अस्पताल, पंचायत भवन, बहुद्देशीय भवन
इंदिरा आवास, डीप बोरिंग
एनपीसीसी बनने वाली सात सड़कें

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