मऊभंडार प्लांट पर पड़ेगा असर

मुसाबनी : एचसीएल इस क्षेत्र के खनन परियोजनाओं पर 12 सौ करोड़ निवेश कर वर्त्तमान में उत्पादन क्षमता को बढ़ाना चाहती है. खनन परियोजना के क्रियान्वयन कर सिंहभूम ताम्र पट्टी के खदानों से प्रति वर्ष तीस हजार टन एमआइसी उत्पादन करने की योजना है. इससे मऊभंडार कारखाने को चलाया जायेगा. जानकारी के अनुसार मलांजखंड का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2017 3:55 AM

मुसाबनी : एचसीएल इस क्षेत्र के खनन परियोजनाओं पर 12 सौ करोड़ निवेश कर वर्त्तमान में उत्पादन क्षमता को बढ़ाना चाहती है. खनन परियोजना के क्रियान्वयन कर सिंहभूम ताम्र पट्टी के खदानों से प्रति वर्ष तीस हजार टन एमआइसी उत्पादन करने की योजना है. इससे मऊभंडार कारखाने को चलाया जायेगा.

जानकारी के अनुसार मलांजखंड का एमआइसी अगले 3-4 वर्ष बाद मऊभंडार कारखाना नहीं आयेगा. छतीसगढ़ सरकार ने एचसीएल को राजनंद गांव के जिला में नया स्मेलटर प्लांट लागने के लिए भूमि समेत सभी आधारभूत सुविधा मुहैया करा रही है. एमसीसी के एमआइसी से नया प्लांट संचालित होगा. ऐसे में यदि राखा, केंदाडीह खदान नहीं खुलता है तो तथा सुरदा खदान की उत्पादन क्षमता विस्तार की योजना धरातल में नहीं उतरता है तो आइसीसी के मऊभंडार कारखाने का भविष्य भी प्रभावित होगा.

Next Article

Exit mobile version